नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। प्रचंड गर्मी का सामना कर रहे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली एनीसीआर, उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में मंगलवार से धूल भरी आंधी और बारिश (Rain) के आसार बन रहे हैं। मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक दानिश ने रविवार को बताया कि उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के अधिसंख्य इलाके भीषण गर्मी की चपेट में आ हैं। कई इलाकों में तापमान 40 से 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास है जबकि कुछ इलाकों में लू के थपेड़े लोगों को परेशान कर रहे हैं मगर अगले दो दिनो में मौसम में आमूलचूल बदलाव देखने को मिल सकता है।
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उन्होने बताया कि प्रदेश के कुछ इलाकों में कम दवाब का क्षेत्र विकसित होने से पश्चिमी विक्षोभ के हालात बन रहे हैं जिसके चलते 23 तारीख से कई इलाकों में धूल भरी आंधी और बूंदाबांदी (Drizzling) के आसार हैं। इस अवधि में कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा का अनुमान है। मौसम में बदलाव का असर कम से कम अगले 48 घंटो तक बरकरार रहने की संभावना है। बारिश के कारण तापमान में फौरी गिरावट दर्ज की जा सकती है। इस बीच चिकित्सकों ने सलाह दी है कि गर्मी के मद्देनजर लोगबाग सतर्कता बरतें और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करने के बाद ही बाहर निकले। गर्मी के प्रकोप से बचने के लिये हल्के सूती वस्त्र धारण करें और धूप का चश्मा लगायें। इसके अलावा आम का पना और लस्सी छाछ वगैरह पेय पदार्थो का उपयोग करें। डिहाइड्रेशन की स्थिति में ओआरएस का इस्तेमाल करें।
23 मई को तेज हवा के साथ बारिश की संभावना | (Weather Update)
इससे पहले उत्तर भारत में 23 मई को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव की वजह से होने वाले परिवर्तन से तेज हवा के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। लेकिन इसके तुरंत बाद एक बार फिर एक पखवाड़े तक दिन के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। ध्यान रहे कि भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरूआत केरल से मानी जाती है। इसके बाद तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी कौंकण, कर्नाटक, मुंबई,गुजरात पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में पहुंचता है। भारत मौसम विभाग व चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के मौसम बुलेटिन का कहना है कि बेशक इस बार मानसून देरी से पहुंच रहा हो लेकिन देश में बारिश 96 फीसदी होने की उम्मीद है, जो सामान्य कहलाता है।
अलनीनो का भी दिखाई देगा प्रभाव | (Weather Update)
भारत मौसम विभाग के अनुसार इस बार अलनीनो का भी प्रभाव देखने को मिल सकता है। अलनीनो की वजह से बारिश कम होती है। पर राहत की बात यह है कि इस बार अल्लीनों का प्रभाव मानसून के अंतिम पड़ाव में ही दिखाई दे सकता है, इसका खास असर नहीं माना जाता तब तक अधिकतर बारिश हो चुकी होती है। सीधे तौर पर कहा जाए तो इस बार देशभर में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिलेगा।