पानीपत/इसराना (सन्नी कथूरिया)। डेरा सच्चा सौदा के सेवादार पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन वचनों पर चलते हुए ऐसे-ऐसे मानवता भलाई के कार्य करते हैं जिन्हें देखकर लोग दिल से उन्हें सलाम करते हैं। ऐसा ही एक मानवता भलाई का कार्य जिला पानीपत के ब्लॉक इसराना के गांव की बुजुर्ग महिला ने किया है।
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जानकारी देते हुए इसराना ब्लॉक के प्रेमी सेवक सुरेन्द्र इन्सां ने बताया कि (Body Donation) गांव शाहपुर की रहने वाली 70 वर्षीय चांद कौर इन्सां धर्मपत्नी पूर्ण चंद्र इन्सां का निधन हो गया था। माता की अंतिम इच्छा थी कि उसका शरीर जलाया व दफनाया ना जाए बल्कि मानवता भलाई के लिए दान किया जाए। माता की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए उनके बेटे व बेटी ने परिजनों के साथ मिलकर शरीर दान करने का फैसला लिया। माता की इच्छानुसार उनका शरीर उत्तर प्रदेश के वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट आॅफ साइंस रजबपुर गजरौला, अमरोहा को दान किया गया। इस मौके पर माता के परिवार के सभी सदस्य व शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के भाई व बहनों सहित जिले की साध-संगत मौजूद रही।
2005 में लिया था गुरूमंत्र
इसराना ब्लॉक के सेवादार भूपेंद्र इन्सां ने बताया कि माता चंद्र कौर इन्सां ने 2005 में गुरुमंत्र लिया था और वह तभी से प्रभु भक्ति में लीन रहती थी और मानवता भलाई कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी।
बेटा-बेटी एक समान के नारे को किया सार्थक | Body Donation
बेटा-बेटी एक समान हैं, बेटे और बेटियों में कोई फर्क नहीं है। चंद्र कौर इन्सां की बेटियों ने अपनी माता को कंधा देकर यह साबित करके दिखाया कि आज के युग में बेटियां बेटों से कम नहीं है और बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है।
जिले में 25 के लगभग हो चुके हैं शरीर दान
जिले के सेवादार ईश कुमार इन्सां ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा के सेवादार नित ऐसे मानवता भलाई के कार्य करते रहते हैं। इससे पहले लगभग 25 शरीर दान हो चुके हैं। मरने के बाद शरीर को जलाने के बाद वह मिट्टी में मिल जाता है, अगर मरने के बाद हमारा शरीर किसी के काम आ सके, इससे बड़ा कोई दान नहीं हो सकता।