आरटीई: प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त पढ़ाई, राजस्थान के 5 लाख विद्यार्थियों को राहत

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सांकेतिक फोटो

वरीयता के लिए आज निकलेगी लॉटरी

श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में होने वाले नि:शुल्क प्रवेश प्रक्रिया के तहत एक महीने के इंतजार के बाद शिक्षा विभाग द्वारा आज आवेदन करने वाले विद्यार्थियों की वरीयता का निर्धारण किया जाएगा। बता दें कि आरटीई प्रवेश प्रक्रिया का संशोधित टाइम फ्रेम इसी सोमवार को जारी किया गया था। अब 19 मई को प्रवेश का प्राथमिकता क्रम तय करने के लिए लॉटरी निकाली जाएगी।

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बता दें कि सत्र 2023-24 में प्रवेश के लिए निर्देशों में मामूली बदलाव हुए हैं। सत्र 2022-23 में प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों में से सत्र 2023-24 में फिर आवेदन करने वालों को प्राथमिकता मिलेगी।

गौरतलब है की आरटीई एक्ट के अनुसार प्राइवेट विद्यालयों की कक्षा एक एवं पूर्व विद्यालय शिक्षा की सभी कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीट पर दुर्बल वर्ग एवं असुविधा ग्रस्त समूह के बालक बालिकाओं को प्रवेश देकर 8वीं तक की नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाई जाती है। जिसे वर्तमान में मुख्यमंत्री द्वारा 12वीं कक्षा तक कर दिया है।

संशोधित टाइम फ्रेम

प्रवेश के लिए वरीयता क्रम निर्धारण : 19 मई
ऑनलाइन रिपोर्टिंग : 19 मई से 2 जून
आवेदन पत्रों की जांच : 19 मई से 6 जून
दस्तावेजों में संशोधन : 19 मई से 12 जून
सीबीईओ द्वारा जांच : 19 मई से 23 जून
आवेदन ऑटोवेरिफाई : 26 जून
आरटीई सीट्स पर चयन : 27 जून
आरटीई सीट्स पर चयन : 28 जून से सितम्बर तक

इन दस्तावेजों की रहेगी आवश्यकता

1.आधार कार्ड
2.जन्म प्रमाण पत्र
3.मूल निवास प्रमाण पत्र माता पिता और बच्चे दोनों का
4.माता और पिता का वार्षिक आय प्रमाण पत्र
5.राशन कार्ड
6.जाति प्रमाण पत्र
7.अनाथालय का प्रमाण पत्र (यदि बालक अनाथ है तो)
8.विकलांगता का प्रमाण पत्र (यदि है तो)
9.अन्य कोई दस्तावेज(जिसका अभ्यर्थी लाभ चाहता हो)

“आरटीई के संशोधित प्टाइम फ्रेम के अनुसार अभिभावकों को 19 मई से 2 जून तक पीएसपी पोर्टल पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होगी। विद्यालय द्वारा 6 जून तक आवेदन पत्रों की जांच की जाएगी। जिसके बाद अभिभावक 12 जून तक आवेदन में कोई संशोधन कर सकेंगे।”
                                                              -भूपेश शर्मा, जिला समन्वयक, विद्यार्थीसेवा केंद्र, श्रीगंगानगर