भारत के पड़ौसी मुल्क Pakistan के हालात चिंताजनक हैं। पाकिस्तान में आगजनी, तोड़फोड़ व दहशतगर्दी का माहौल है। पाक के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की कोर्ट परिसर में हुई गिरफ्तारी के बाद वहां कई प्रांतों में भारी आगजनी व तोड़फोड़ हुई। आठ लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हैं। हालांकि Pakistan की सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को गलत ठहराते हुए इमरान की गिरफ्तारी को असंवैधानिक करार दिया और इमरान खान की रिहाई के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएनएल के नेताओं ने इमरान को राहत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया।
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सत्तारूढ़ पार्टी का कहना है कि हम इमरान को गिरफ्तार करके ही रहेंगे। इस प्रकार के राजनीतिक हालात Pakistan में पहले भी रहे हैं लेकिन ऐसे हालात बार-बार दोहराए जाना किसी भी देश के लिए ठीक नहीं होते। एक तरफ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डांवाडोल है। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने तो पाक के दिवालिया होने की चेतावनी भी जारी कर दी है। पाक का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के सबसे निम्न स्तर (4.5 अरब डॉलर) पर पहुंच चुका है। महंगाई आसमान छू रही है, लोगों को पेट भरने के लाले पड़े हुए हैं। पिछले साल श्रीलंका में महंगाई से जो हालात बने थे, आज पाक में उससे भी बदत्तर हालत हैं। पाकिस्तान में पिछले चार दिनों से इंटरनेट, सोशल मीडिया बंद है।
पाक के ये हालात भारत के लिए भी चिंताजनक हैं, क्योंकि कहा जाता है कि एक परिवार का विकास हो तभी हो सकता है जब उस परिवार के सभी सदस्यों का सामाजिक, आर्थिक विकास इसी प्रकार पूरा विश्व भी एक परिवार है और विश्व का विकास तभी संभव है जब विश्व के सभी देशों में शांति व समृद्धि होगी। पाक के साथ भारत के रिश्ते हमेशा कटु रहे हैं, इसके बावजूद पाकिस्तान के साथ भारत की व्यापारिक भागीदारी रही हे। मतभेदों के बावजूद पाक के साथ भारत का 37 बिलियन डॉलर का व्यापारिक लेन-देन रहा है।
पाकिस्तान भारत से जहां कॉटन का आयात करता है वहीं भारत फल, मेवे, सीमेंट चमड़े के उत्पाद इत्यादि पाकिस्तान से खरीदता रहा है। ऐसे हालातों में व्यापारिक गतिविधियों पर भी बुरा असर पड़ता है, क्योंकि इस व्यापारिक लेन-देने का पाकिस्तान को ज्यादा फायदा है। निश्चित रूप से व्यापारिक गतिविधियों के बंद होने से नुकसान भी पाकिस्तान को ही ज्यादा होगा। पाकिस्तान में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई वहां के युवाओं को आतंकवादी गतिविधिों की तरफ अग्रसर करेगी। भारत के खिलाफ आतंकवादी घटनाओं के लिए वहां के युवाओं का इस्तेमाल दुश्मन देशों के लिए आसान हो जाएगा, जो भारत के लिए भी चिंताजनक है।