जालंधर। लोकसभा उपचुनाव में पोलिंग एजेंटों को लेकर हंगामा (Jalandhar By Election Voting) मच गया है। कांग्रेस और बीजेपी ने कुछ तस्वीरें जारी कर दावा किया है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने बाहर से कार्यकर्ताओं को बुलाकर यहां पोलिंग एजेंट नियुक्त किए हैं। उधर, आम आदमी पार्टी सरकार के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को पोलिंग एजेंट नहीं मिल रहे हैं। उनके बूथ खाली हैं। इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि इस संबंध में चुनाव आयोग और जालंधर के डीसी को शिकायत भेजी जा चुकी है।
दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी करमजीत कौर चौधरी ने भी अपनी शिकायत चुनाव आयोग को भेजी है। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। अब पूरे जिले में अनाउंसमेंट कर बाहरी लोगों को जिला छोड़ने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है। पुलिस कह रही है कि अगर वे जिले से बाहर नहीं गए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जालंधर छावनी से कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने बूथ पर बैठे बलजीत चंद शर्मा की फोटो शेयर की है। उन्होंने दावा किया कि बलजीत को आदमपुर बूथ संख्या 85 पर पोलिंग एजेंट बनाया गया है, जबकि बलजीत डेराबसी से आम आदमी पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष हैं।
जालंधर लोस सीट के उपचुनाव में अपराह्न दो बजे तक लगभग 38 प्रतिशत मतदान
पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट के लिये बुधवार को हो रहे उपचुनाव में अपराह्न दो बजे तक लगभग 38 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। सुबह नौ बजे तक 5.21 प्रतिशत और 10 बजे 6.41 प्रतिशत, 11 बजे तक 17.43 प्रतिशत और अपराह्न एक बजे तक 30.93 प्रतिशत रहा। सूत्रों के अनुसार दो बजे तक लगभग 38 प्रतिशत मतदान हुआ है। मतदान केंद्रों पर अब लम्बी कतारें लगी हुई हैं। राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने पूर्व विधायक रिंकू को मैदान में उतारा है, जो कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ कर पार्टी में शामिल हुये थे। रिंकू मतदान कर चुके हैं। कांग्रेस उम्मीदवार करमजीत कौर चौधरी ने फिल्लौर विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ पर मतदान किया। इस मौेके पर उनके साथ उनके पुत्र बिक्रमजीत सिंह चौधरी भी मौजूद थे।
यह सीट उनके दिवंगत पति और सांसद संतोख सिंह चौधरी के निधन के कारण रिक्त हुई है। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) उम्मीदवार इंदर इकबाल सिंह अटवाल भी मतदान कर चुके हैं। वह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल के पुत्र हैं। चरणजीत अटवाल हाल में ही भाजपा में शामिल हुए हैं। वह शिरोमणि अकाली दल (शिअद) छोड़ कर भाजपा में शामिल हुये हैं। शिअद ने अपने दो बार के विधायक और पेशे से डॉक्टर सुखविंदर कुमार सुक्खी को उम्मीदवार बनाया है और वह भी मतदान कर चुके हैं। शिअद उम्मीदवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का भी समर्थन हासिल है।