सेहत के लिए वरदान है साइकिल की सवारी

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सेहत के लिए वरदान है साइकिल की सवारी

आधुनिक लाइफस्टाइल में कई तरह की बीमारियों की ‘दवा’ साइकिल की सवारी बन रही है। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में लोगों में साइकिल चलाने को लेकर क्रेज बढ़ा है। इसके चलते शहर में साइकिल चलाने वालों की संख्या भी बढ़ी है। बता दें कि शरीर को स्वस्थ्य रखने में साइकिलिंग एक बेहतरीन एक्टिविटी साबित हो रही है। साइकिलिंग करके न सिर्फ खुद के शरीर को एक्टिव और फिट बनाया जा सकता है। बल्कि कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा साइकिल चलाने से मांसपेशियों के संकुचन, शक्ति और कार्य करने की क्षमता में भी सुधार होता है।

बढ़ा है साइकिल का क्रेज

शहर के साइक्रिल विक्रेता राजीव ने बताया कि अब लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर साइकिलिंग के प्रति जागरूक हो रहे हैं। कोरोना काल में साइकिल की बिक्री में काफी बढ़ोत्तरी हुई थी।

ये हैं साइकिलिंग के फायदे

1. कम करती है वजन : साइकिल चलाने से कैलोरी बर्न होती हैं। जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं।
2. हृदय को तंदरुस्त बनाती है: साइकिलिंग के दौरान दिल की धड़कन तेज हो जाती है, जो एक तरह से दिल के स्वास्थ्य के लिए एक्सरसाइज हो सकती है।
3. मधुमेह में फायदेमंद : साइकिलिंग टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को भी कम करने में मदद करती है। एक शोध के अनुसार नियमित तौर से साइकिलिंग करने से वयस्क लोगों में अन्य वयस्कों की तुलना में टाइप 2 मुधमेह होने का जोखिम काफी कम देखा गया है।
4. कम करती है कैंसर का खतरा : साइकिलिंग कैंसर का भी जोखिम कम करती है। चीनी लोग पर शोध के मुताबिक जो लोग प्रतिदिन 2 घंटे साइकिल चलाते हैं, उनमें प्रतिदिन 30 मिनट तक साइकिल चलाने वाले लोगों के मुकाबले पेट के कैंसर का जोखिम लगभग 50 फीसदी तक कम देखा गया। वहीं महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम भी कम पाया गया।
5. कम होता है तनाव: साइकिल चलाना अपने-आप में एक तरह का एरोबिक व्यायाम होता है। एरोबिक व्यायाम मन की स्थिति में बदलाव लाकर मस्तिष्क में खून का प्रवाह बेहतर बनाती हैं। इससे तनाव, अवसाद या चिंता के लक्षण कम करने में मदद मिल सकती है।
6. आॅस्टियोअर्थराइटिस में फायदेमंद : जोड़ों में सूजन कम करने और इसकी रोकथाम करने में साइकिल चलाने से फायदे हासिल किए जा सकते हैं।

लोगों का जीवन बदल रहे पूज्य गुरुजी के 1 किलोमीटर चलने के वचन

 आजकल की खराब जीवनशैली का असर हमारे स्वास्थ्य पर बुरी तरह से पड़ रहा है। हम खाना खाते हैं, फिर लेट जाते हैं या लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहते हैं, इसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहना जरूरी होता है। खराब आदतों की वजह से लोग कई बीमारियों से जूझ रहे हैं पर एक फकीर को तो हर एक जीव की चिंता होती है। ऐसे में अपनी ही कमियों की वजह से परेशान हुए लोगों को राह दिखाते हुए पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने सभी साध-संगत को स्वस्थ रहने के लिए वचन फरमाए हैं कि भोजन के बाद प्रतिदिन 1 कि.मी. सैर करनी है। रोज सुबह और शाम कम से कम 15 मिनट सुमिरन जरूर करना है।

  • सैर दो समय करना बहुत जरूरी होता है एक सुबह खाली पेट और दूसरी रात को खाना खाने के कुछ समय बाद।

आइए सबसे पहले जानते हैं सुबह की सैर के क्या फायदे हैं

दिन की शुरुआत अगर वाकिंग या जौगिंग के साथ की जाए तो आप पूरे दिन एनर्जी से भरपूर महसूस करते हैं वॉक करने से हेल्थ को कई फायदे होते हैं। मॉर्निंग वॉक से ना सिर्फ आपकी फिजिकल हेल्थ बेहतर रहती है बल्कि इससे मेंटल हेल्थ को भी मजबूती मिलती है। इससे आपका मूड बेहतर रहता है, तनाव और ऐनजाइटी को कम करने में मदद मिलती है। डिप्रेशन से बचाने के लिए मार्निंग वॉक मददगार साबित होती है और इससे थकान भी दूर होती है। सुबह की गई 20 मिनट की मॉर्निंग वॉक आपका सारा दिन पॉजिटिव एनर्जी देती है।

खाने के बाद वॉक करना ज्यादा जरूरी क्यों ?

खाना खाने के बाद तो वॉक करना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। क्योंकि इससे पाचन क्रिया में सुधार होता है, हम कई सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों से बचे रहते हैं। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, गैस्ट्रिक जैसी बीमारियों में खाना खाने के बाद वॉक करना बहुत जरूरी होता है।

  • खाना खाने के बाद घूमने से पाचन में सुधार होता है। इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। गैस, अपच और कब्ज की संभावना कम रहती है।
  • खाना खाने के बाद वॉक करने से वजन भी कंट्रोल में रहता है। जिन लोगों को मोटापे की समस्या है, उन्हें खाने के बाद वॉक जरूर करना चाहिए। वजन को कंट्रोल में रखने के लिए भी वॉक करना जरूरी है।
  • खाना खाने के बाद वॉक करने से मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है। मेटाबॉलिज्म सही से कार्य करता है, इससे हम हमेशा स्वस्थ रहते हैं।
  • वॉक करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है, साथ ही इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है।
  • खाने के बाद घूमने से आंतरिक अंग स्वस्थ रहते हैं। वॉक करने से हमारी आंतों को खाना पचाने में अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है।
  • खाना खाने के बाद पैदल चलने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है, इससे तनाव कम होता है।
  • वॉक करने से ब्लड सकुर्लेशन में भी सुधार होता है। इससे ब्लड सकुर्लेशन में आई रुकावट की समस्या दूर होती है।
  • डायबिटीज रोगियों के लिए खाना खाने के बाद घूमना काफी फायदेमंद होता है। इससे रक्त शर्करा का स्तर संतुलन में रहता है।