जमीन नाम करवाने के लिए नहीं काटने पड़ेंगे पटवारियों के चक्कर
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के लोगों को राहत प्रदान करते हुए ई-गर्वनेंस से सुशासन की दिशा में कदम बढ़ाया है। (Manohar Lal) हरियाणा सरकार इसी के मद्देनजर डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी की फर्द यानि ई-फर्द प्रणाली शुरू की है। इससे अब लोगों को जमीन के मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेजों के लिए पटवारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह पोर्टल आमजन को खूब रास आया है।
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पिछले चार महीने में 10 हजार लोगों ने ई-फर्द डाउनलोड की है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटारे हेतु सांझी खेवट की तकसीम के लिए प्रदेश सरकार नया कानून ला रही है। इससे लोगों को अदालत में लंबे समय तक चलने वाले जमीनी झगड़ों से भी निजात मिलेगी। वहीं ई-फर्द प्रणाली से तहसील कार्यालयों में बिचौलियों के खेल पर भी अंकुश लगा है।
पोर्टल पर हैं सभी जानकारियां उपलब्ध | (Getting E-fard with Digital Signatures)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को ई-फर्द पाने वाले लाभार्थियों से आडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद में बताया कि सरकार ने 25 दिसंबर 2022 को डिजिटल हस्ताक्षर वाली जमाबंदी की फर्द के लिए पोर्टल लांच किया था। पिछले 4 महीने में करीब 10 हजार लोगों ने डिजिटल हस्ताक्षर युक्त ई-फर्द आॅनलाइन डाउनलोड की है। लोगों के लिए यह बड़ी ही खुशी की बात है। जमाबंदी पोर्टल लैंड रिकार्ड संबंधी जानकारी के लिए सिंगल विंडो का काम करता है। पोर्टल पर भूमि डाटा से संबंधित सभी जानकारियां यथा खसरा, खतौनी जमीन का नक्शा, प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन, स्टांप शुल्क जैसी सेवाएं उपलब्ध हैं।
फर्द के लिए सर्विस चार्ज मात्र 100 रुपये | (Getting E-fard with Digital Signatures)
सीएम ने कहा कि पोर्टल के शुरू होने के बाद जमीन की फर्द लेने के लिए पटवारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। घर बैठे कुछ ही मिनटों में फर्द डाउनलोड की जा सकती है। (Manohar Lal) एक फर्द के लिए सर्विस चार्ज मात्र 100 रुपये हैं। पहले खाते के लिए 10 रुपये और उसके बाद प्रत्येक खाते के लिए पांच रुपये की फीस निश्चित की गई है।
पोर्टल द्वारा निकाली गई यह फर्द डिजिटल हस्ताक्षर युक्त और न्यायालय में भी मान्य है। पोर्टल शुरू होने के बाद तहसील कार्यालय में वर्क लोड में भी कमी आई है। डिजिटल रिकार्ड तैयार कर राजस्व विभाग की लाखों फाइलों और कागजों के अंबार को खत्म कर दिया गया है, जबकि रिकार्ड रूम में पहले रिकार्ड नष्ट होने का खतरा मंडराता रहता था।
तहसीलों में डिजिटल राजस्व रिकॉर्ड रूम स्थापित
प्रदेश की सभी 143 तहसीलों और उप तहसीलों में वैब हैलरिस प्रणाली का उपयोग कर भूमि अभिलेख प्रबंध कार्यों को कंप्यूटरीकृत किया गया है। (Manohar Lal) सभी राजस्व रिकार्ड रूम का भी कंप्यूटरीकरण किया जा चुका है। 20 नवंबर 2021 को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय और राज्य मुख्यालय पर डिजिटल राजस्व रिकार्ड रूम स्थापित किए गए। 18 करोड़ 50 लाख दस्तावेजों को स्कैन करते हुए एनआइसी के पोर्टल पर अपलोड किया गया है। आज पूरा रिकार्ड आनलाइन है।
गांव हुए लाल डोरा मुक्त
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि लाल डोरा मुक्त करने की हमारी योजना को केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के रूप में पूरे देश में लागू किया है। पहले गांवों में लाल डोरा के भीतर रजिस्ट्री नहीं होती थी। इससे काफी झगड़े होते थे। सभी गांवों को लाल डोरा मुक्त कर लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने से झगड़े खत्म हुए हैं। जमीन की खरीद फरोख्त व उस पर ऋण लेने का अधिकार मिला है।