लखनऊ (सच कहूँ/संदीप इन्सां)। पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के कुख्यात बदमाशों की फेहरिस्त में शुमार गैंगस्टर अनिल दुजाना (Anil Dujana) को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर करके अपराध के एक अध्याय को समाप्त कर दिया है। सीएम कार्यालय से हाल ही में जारी हुई प्रदेश के नए माफियाओं की सूची में नाम आने के बाद एसटीएफ ने यह बड़ी कार्यवाही की है।
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कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को उत्तर-प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने मुठभेड़ में मार गिराया है। यूपी एसटीएफ ने इस कार्रवाई को मेरठ के जानी खुर्द थानाक्षेत्र में अंजाम दिया है। अनिल दुजाना के खिलाफ नोएडा, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हत्या, लूट, डकैती और उगाही जैसे संगीन मुकदमें दर्ज है।
अनिल दुजाना की गाड़ी से मिले कई हथियार | (Anil Dujana)
मुठभेड़ के समय अनिल दुजाना सफेद रंग की स्कॉर्पियो में था। बताया जा रहा है कि वह बागपत अपनी ससुराल जा रहा था। तभी मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने उसे जानी भोला की झाल के पास घेर लिया। इसके बाद उसने एसटीएफ टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। एनकाउंटर के बाद फोरेंसिक टीम ने जब उसकी गाड़ी की चेकिंग की तो उसमें से कई हथियार मिले।
यूपी ही नहीं, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में भी था आतंक
दुजाना का आतंक पश्चिमी यूपी के अलावा दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में भी था। उस पर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। अनिल पर वर्ष 2002 में पहला मामला गाजियाबाद के कविनगर थाने में हत्या का दर्ज हुआ था। दुजाना पर गाजियाबाद के हरबीर पहलवान की हत्या का आरोप था। 2011 में नोएडा के एक मामले में उसे तीन साल की सजा सुनाई गई थी।
पिछले सप्ताह दर्ज हुए थे दो मुकदमें
जेल से बाहर आते ही दुजाना (Anil Dujana) ने जयचंद प्रधान हत्याकांड में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी थी। इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ पिछले सप्ताह दो मुकदमें दर्ज किए थे। नोएडा पुलिस और यूपी एसटीएफ अनिल दुजाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी। पिछले दिनों सात टीमों ने 20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की थी, लेकिन दुजाना हाथ नहीं लगा। पुलिस सूत्रों का दावा है कि दुजाना मंडावली के एक बिजनेसमैन की हत्या के इरादे से घूम रहा था। वहीं, पुराने केस में पेश नहीं होने से दुजाना के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।
सुंदर भाटी पर एके-47 से किया था हमला
पश्चिमी यूपी में गैंगवार की शुरुआत महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर गैंग के जमाने में हुई। इसके बाद सुंदर भाटी और नरेश भाटी गैंग के बीच गैंगवार होने लगी। दोनों सतबीर गुर्जर के गुर्गे थे। सुंदर भाटी ने 2004 में जिला पंचायत अध्यक्ष बन चुके नरेश भाटी की हत्या कर दी। इसके बाद नरेश भाटी के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने बदला लेने की ठानी। इस काम में उन्होंने अनिल दुजाना को भी शामिल किया। (Anil Dujana) साहिबाबाद स्थित भोपुरा में नवंबर 2011 को सुंदर भाटी के साले की शादी थी। वहां पहुंचकर रणदीप, अनिल दुजाना और कसाना ने एके-47 से फायरिंग की। इसमें तीन लोग मारे गए, लेकिन सुंदर भाटी बच निकला था। तब से वह पश्चिमी यूपी में चर्चा में आ गया था।
सुंदर भाटी ने किया दुजाना के भाई का मर्डर
अनिल दुजाना तिहरे हत्याकांड में जनवरी 2012 में पकड़ा गया। इसी बीच सुंदर भाटी गैंग ने जनवरी 2014 में उसके घर पर हमला किया। फायरिंग में दुजाना के भाई जय भगवान की मौत हो गई। पिता ने सुंदर भाटी समेत आठ लोगों को नामजद कराया था। इसके बाद दुजाना गैंग ने सुंदर के गुर्गे राहुल का मर्डर कर दिया था।
दिल्ली के कारोबारी से मांगी थी रंगदारी | (Anil Dujana)
दुजाना के गुर्गों ने जनवरी-2019 में दिल्ली के नंदनगरी के कारोबारी से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। वह नौ साल बाद जनवरी 2021 में जमानत पर बाहर आया था। फरवरी 2021 में उसने बागपत की पूजा से शादी कर ली थी। 16 अक्टूबर 2021 में सिकंदराबाद के एक कारोबारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगी। साथ ही खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद हत्याकांड में गवाह उनकी पत्नी को भी धमकाया। इन दोनों केसों में वह वांटेड चल रहा था।