नई दिल्ली। गुरुवार को दिल्ली समेत देश के ज्यादातर राज्यों (Weather Forecast) में हल्का कोहरा और धुंध छाई रही। देश के मैदानी इलाकों में बारिश के साथ-साथ कुछ जगहों पर ओले भी गिरे। इसके अलावा पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी देखने को मिल रही है। हालांकि इस बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही अप्रैल की शुरूआत से ही लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार (4 मई) को राष्ट्रीय राजधानी का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। राज्य में 4 मई को भारी बारिश की संभावना है। उत्तराखंड में भी कहीं-कहीं बर्फबारी और बारिश हो सकती है। राज्य के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ क्षेत्रों में हिमपात होने की संभावना है। इसके अलावा 3200 मीटर या इससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात और ओले भी पड़ सकते हैं। विभाग ने इन इलाकों में येलो अलर्ट जारी किया है।
येलो अलर्ट जारी किया गया है | Weather Forecast
उत्तर प्रदेश में विभाग ने कई जगहों पर अलर्ट भी जारी किया है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार (4 मई) को बारिश के साथ तेज हवा चलने की भी संभावना है. विभाग ने कई इलाकों में येलो अलर्ट जारी किया है। राजस्थान में भी तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने, ओले गिरने की संभावना है। राज्य के बीकानेर, जयपुर, कोटा, अजमेर, भरतपुर संभागों के कुछ हिस्सों में आंधी की गतिविधि जारी रहने की संभावना है।
भी ठंड तो कभी गर्मी से बढ़ रहा वायरल इन्फेक्शन | Weather Forecast
मई का महीना शुरू हो चुका है, लेकिन फिर भी ठंड का एहसास हो रहा है। क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम बार-बार करवट ले रहा है और बेमौसमी बारिश भी हो रही है। इन दिनों गर्म पानी के बिना लोग नहा नहीं पा रहे हैं। रात्रि के समय एसी तो दूर, पंखा भी बंद करना पड़ रहा है। मौसम का यह हाल इन दिनों सरसा सहित पूरे हरियाणा में देखने को मिल रहा है। आमतौर पर जहां मई में तो लोगों के गर्मी के कारण पसीने छूटने लगते थे। चिलचिलाती गर्मी में बचाव के लिए पंखे की हवा भी कम पड़ जाती थी। लेकिन, बारिश और ठंडी हवा ने इन दिनों सरसा का मौसम सुहाना बनाया हुआ है। मौसम का यह बदलाव बार-बार हो रहा है, जिसकी वजह से वायरल इन्फेक्शन के मामले भी काफी बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बेमौसमी बारिश के कारण जिन किसानों ने नरमा कपास की अगेती बिजाई की थी, उन्हें पुन: बिजाई को मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि मामूली बारिश से उनकी फसलें कुरुंड हो रही है।
मौसम विभाग का आंकलन है कि मौसम का यह सिलसिला आगामी 6 मई तक जारी रहेगा और उसके बाद ही धीरे-धीरे तापमान में बढ़ोतरी होगी। हालांकि यह भी बताया गया है कि 13 मई को फिर से एक दिन के लिए मौसम करवट लेगा। सरसा का तापमान इस समय अधिकतम 33 डिग्री व न्यूनतम 20 डिग्री चल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार सरसा में अधिकतम तापमान में तो प्रतिदिन बढ़ोतरी जारी रहेगी लेकिन आगामी 6 मई तक बारिश व तेज हवाओं के चलते सरसा के न्यूनतम तापमान में अधिकतम तापमान के अनुपात में वृद्धि नहीं होगी।
मौसम के बदलाव से किसानी हो रही प्रभावित | Weather Forecast
मौसम में इस आकस्मिक बदलाव का सबसे अधिक असर किसानी पर पड़ रहा है। मंडियों में गेहूं की आवक निरंतर जारी है तथा विभिन्न मंडियों में धीमे उठान की समस्या से किसान दो चार हो रहा है। मंडी में खुले में पड़ी गेहूं प्रतिदिन बारिश में भीग रही है तथा सरकारी एजेंसियां गीला गेहूं खरीदने में आनाकानी कर रही है। इस सीजन में सरसों की खरीद न होने से किसान मिल मालिकों को सरसों की फसल औने पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं। जिन किसानों ने नरमा की फसल की अगेती बिजाई की है उनकी मेहनत बेकार होने का संशय है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार सरसा के कुछ क्षेत्रों में ओले गिरने की भी संभावना है। ऐसे में उन क्षेत्रों के किसानों की अगेती बिजाई पूरी तरह नष्ट हो सकती है तथा उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
मंडी में पड़ी सरसों की फसल को खरीदें हैफेड | Weather Forecast
दी आढ़तियान एसोसिएशन के प्रधान मनोहर मेहता ने बताया कि हैफेड के आश्वासन पर विगत सोमवार को सरसों उत्पादक किसान अपनी फसल को लेकर अनाजमंडी पहुंचे लेकिन हैफेड के अधिकारियों ने किसानों से उनकी फसल खरीदने से इंकार कर दिया। हैफेड की बेरूखी से किसान सकते में हैं व स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। अपनी फसल को मंडी तक पहुंचाने में सरसों उत्पादक किसानों को आर्थिक नुकसान भी हुआ है। मनोहर मेहता ने सरकार से आग्रह किया है कि वे हैफेड को निर्देश दें कि जिन किसानों की सरसों की फसल को मंडी में पड़ी है, हैफेड उन किसानों की फसल को खरीदें।
बिजाई से पहले मौसम के पूवार्नुमान का करें आंकलन | Weather Forecast
कृषि विज्ञान केंद्र के जिला संयोजक देवेंद्र जाखड़ ने बताया कि जिन किसानों ने नरमा की अगेती बिजाई की है, बेमौसमी बारिश से उन किसानों को नुकसान होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त बारिश का किसानों को कोई विशेष नुकसान नहीं होगा। उन्होंने बताया यदि सरसा के किसी क्षेत्र में ओले पड़ते हैं तो उस क्षेत्र की नरमा की अगेती बिजाई को नुकसान हो सकता है। इसी प्रकार जिन किसानों ने मूंग की फसल की बिजाई की है, उनको कम नुकसान की आशंका है। उन्होंने नरमा, धान व अन्य फसलों के उत्पादक किसानों को सलाह दी कि वे अपने खेतों में बिजाई करने से पहले मौसम के पूवार्नुमान का आंकलन करके ही बिजाई करें। किसान मौसम की जानकारी लेने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से भी संपर्क कर मौसम की जानकारी ले सकते हैं।