कभी ठंड तो कभी गर्मी से बढ़ रहा वायरल इन्फेक्शन
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। मई का महीना शुरू हो चुका है, लेकिन Weather Haryana फिर भी ठंड का एहसास हो रहा है। क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम बार-बार करवट ले रहा है और बेमौसमी बारिश भी हो रही है। इन दिनों गर्म पानी के बिना लोग नहा नहीं पा रहे हैं। रात्रि के समय एसी तो दूर, पंखा भी बंद करना पड़ रहा है। मौसम का यह हाल इन दिनों सरसा सहित पूरे हरियाणा में देखने को मिल रहा है। आमतौर पर जहां मई में तो लोगों के गर्मी के कारण पसीने छूटने लगते थे। चिलचिलाती गर्मी में बचाव के लिए पंखे की हवा भी कम पड़ जाती थी। लेकिन, बारिश और ठंडी हवा ने इन दिनों सरसा का मौसम सुहाना बनाया हुआ है।
मौसम का यह बदलाव बार-बार हो रहा है, जिसकी वजह से वायरल इन्फेक्शन के मामले भी काफी बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बेमौसमी बारिश के कारण जिन किसानों ने नरमा कपास की अगेती बिजाई की थी, उन्हें पुन: बिजाई को मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि मामूली बारिश से उनकी फसलें कुरुंड हो रही है।
मौसम विभाग का आंकलन है कि मौसम का यह सिलसिला आगामी 6 मई तक जारी रहेगा और उसके बाद ही धीरे-धीरे तापमान में बढ़ोतरी होगी। हालांकि यह भी बताया गया है कि 13 मई को फिर से एक दिन के लिए मौसम करवट लेगा। सरसा का तापमान इस समय अधिकतम 33 डिग्री व न्यूनतम 20 डिग्री चल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार सरसा में अधिकतम तापमान में तो प्रतिदिन बढ़ोतरी जारी रहेगी लेकिन आगामी 6 मई तक बारिश व तेज हवाओं के चलते सरसा के न्यूनतम तापमान में अधिकतम तापमान के अनुपात में वृद्धि नहीं होगी।
मौसम के बदलाव से किसानी हो रही प्रभावित | Weather Haryana
मौसम में इस आकस्मिक बदलाव का सबसे अधिक असर किसानी पर पड़ रहा है। मंडियों में गेहूं की आवक निरंतर जारी है तथा विभिन्न मंडियों में धीमे उठान की समस्या से किसान दो चार हो रहा है। मंडी में खुले में पड़ी गेहूं प्रतिदिन बारिश में भीग रही है तथा सरकारी एजेंसियां गीला गेहूं खरीदने में आनाकानी कर रही है। इस सीजन में सरसों की खरीद न होने से किसान मिल मालिकों को सरसों की फसल औने पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं। जिन किसानों ने नरमा की फसल की अगेती बिजाई की है उनकी मेहनत बेकार होने का संशय है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार सरसा के कुछ क्षेत्रों में ओले गिरने की भी संभावना है। ऐसे में उन क्षेत्रों के किसानों की अगेती बिजाई पूरी तरह नष्ट हो सकती है तथा उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
मंडी में पड़ी सरसों की फसल को खरीदें हैफेड
दी आढ़तियान एसोसिएशन के प्रधान मनोहर मेहता ने बताया कि हैफेड के आश्वासन पर विगत सोमवार को सरसों उत्पादक किसान अपनी फसल को लेकर अनाजमंडी पहुंचे लेकिन हैफेड के अधिकारियों ने किसानों से उनकी फसल खरीदने से इंकार कर दिया। हैफेड की बेरूखी से किसान सकते में हैं व स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। अपनी फसल को मंडी तक पहुंचाने में सरसों उत्पादक किसानों को आर्थिक नुकसान भी हुआ है। मनोहर मेहता ने सरकार से आग्रह किया है कि वे हैफेड को निर्देश दें कि जिन किसानों की सरसों की फसल को मंडी में पड़ी है, हैफेड उन किसानों की फसल को खरीदें।
बिजाई से पहले मौसम के पूवार्नुमान का करें आंकलन Weather Haryana
कृषि विज्ञान केंद्र के जिला संयोजक देवेंद्र जाखड़ ने बताया कि जिन किसानों ने नरमा की अगेती बिजाई की है, बेमौसमी बारिश से उन किसानों को नुकसान होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त बारिश का किसानों को कोई विशेष नुकसान नहीं होगा। उन्होंने बताया यदि सरसा के किसी क्षेत्र में ओले पड़ते हैं तो उस क्षेत्र की नरमा की अगेती बिजाई को नुकसान हो सकता है। इसी प्रकार जिन किसानों ने मूंग की फसल की बिजाई की है, उनको कम नुकसान की आशंका है। उन्होंने नरमा, धान व अन्य फसलों के उत्पादक किसानों को सलाह दी कि वे अपने खेतों में बिजाई करने से पहले मौसम के पूवार्नुमान का आंकलन करके ही बिजाई करें। किसान मौसम की जानकारी लेने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से भी संपर्क कर मौसम की जानकारी ले सकते हैं।
कागदाना में खुले आसमान के नीचे पड़ा गेहूँ भीगा Weather Haryana
नाथूसरी चोपटा (सच कहूँ/भगत सिंह)। खंड में मंगलवार दोपहर बाद हुई बारिश से गांव कागदाना स्थित गेहूँ खरीद केंद्र पर खुले में पड़ा करीब 35 हजार किंवटल गेंहू बारिश से भीग गया। खुले आसमान के नीचे पड़े गहेू के ढेर व गेहूँ के भरे कट्टे बारिश के पानी से भीग गए। कागदाना खरीद केंद्र पर शेड की कोई व्यवस्था नहीं है। खरीद केंद्र पर करीब 35 हजार किंवटल गेहंू बारिश से भीग गया। केंद्र पर कार्यरत दिलावर सिंह ने बताया कि कागदाना खरीद केंद्र पर हैफेड द्वारा गेहूं की खरीद की रही है। सभी आढ़ितयों को तिरपाल व करेट की व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए गए है। मार्किट कमेटी के सहायक सचिव संदीप कुमार ने बताया कि गेहूँ को भीगने से बचाने के लिए आढ़ितयों को तिरपाल व करेट की व्यवस्था करने के आदेश दिए गए हैं।
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