अपने फोन के स्पेसिफिकेशंस में यह जरूर चेक कर लें कि वो कितने वॉट तक की फास्ट चार्जिंग को स्पोर्ट करता है और उस हिसाब की पावर रेटिंग वाला चार्जर ही लें।
आजकल अमूमन फोन (Mobile Charger) के साथ चार्जर नहीं आता है। ऐसे में पुराना चार्जर खो जाए या खराब हो जाए तो अपने फोन के लिए सही चार्जर खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें।
पॉवर रेटिंग चेक करें
जब भी नया चार्जर चुनना हो तो पावर रेटिंग पर नजर रखें। पावर रेटिंग हमेशा एम्पियर (ए) और वोल्ट्स (वी) में दर्शाई जाती है। ये चार्जर के डिब्बे पर ही दिख जाती है। पावर रेटिंग के मामले में गणित सीधा-सा है-जितनी ज्यादा एम्पियर और वोल्ट की वैल्यू, उतनी ही ज्यादा फास्ट चार्जिंग। लेकिन यहां एक बात गौर करने वाली यह है कि हर फोन फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट नहीं करता है। तो सबसे पहले अपने फोन के स्पेसिफिकेशंस में यह जरूर चेक कर लें कि वो कितने वॉट तक की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करता है और उस हिसाब की पावर रेटिंग वाला चार्जर ही लें।
वॉट का ध्यान रखें
ये पता करें कि फोन कितने वॉट्स को स्पोर्ट करता है। (Mobile Charger) उतने वॉट को स्पोर्ट करने वाला चार्जर ही लें। न उससे कम, ना ज्यादा। ये जानकारी आपको फोन के यूजर मैन्युअल में मिल जाएगी। यूजर मैन्युअल ना होने पर कंपनी की वेबसाइट से ये जानकारी आसानी से हासिल की जा सकती है।
सेफ्टी फीचर्स पर नजर रखें | (Mobile Charger)
फोन के साथ जो भी चार्जर आता है, वह हमेशा ढेरों सेक्युरिटी चेक्स से गुजरकर आता है। लेकिन थर्ड पार्टी चार्जर्स के साथ भी ऐसा हो, ये जरूरी नहीं। इसलिए चार्जर लेते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उसमें ओवरकरंट या ओवरवोल्टेज प्रोटेक्शन अथवा शॉर्ट सर्किट प्रोटेक्शन दिया गया है या नहीं। इस तरह के फीचर्स के बगैर कोई चार्जर ना लें, क्योंकि ये फीचर फोन को नुकसान पहुंचाने से बचाएंगे, साथ ही फोन चार्ज होते वक्त शॉर्ट सर्किट की आशंका को भी कम करेंगे।
चार्जिंग कैपेसिटी को समझें
इससे पहले कि आपका चार्जर खराब हो जाए या खो जाए, अपने चार्जर की चार्जिंग कैपेसिटी को चेक करके रखें। चार्जिंग कैपेसिटी चार्जर पर लिखी रहती है। (Mobile Charger) तो चार्जर खराब होने की स्थिति में आपको उतनी ही कैपेसिटी का चार्जर ढूंढना होगा। लेकिन अगर आपका चार्जर खो गया है या मिल नहीं रहा है तो घबराइए नहीं। अपने फोन में एम्पियर नामक एप्लीकेशन डाउनलोड कर लीजिए। इसकी मदद से आप अपने फोन से जुड़ी सभी जानकारी आसानी से जान पाएंगे, फिर चाहे वो चार्जिंग कैपेसिटी या चार्जर की कैपेसिटी ही क्यों न हो। जब आप अपने चार्जर की चार्जिंग कैपेसिटी जान जाए तो उस हिसाब से अपना नया चार्जर ले सकते हैं।
घटिया चार्जर न ही लें
सस्ते व घटिया चार्जर न लें। इनमें कई बार वोल्टेज कंट्रोल के लिए कैपेसिटर व फ्यूज होते ही नहीं हैं, जिससे फोन की बैटरी में डायरेक्ट करंट आता है और ये बैटरी को खराब करता है। (Mobile Charger) बैटरी फटने के कई मामलों में घटिया चार्जर का इस्तेमाल ही वजह पाई गई। इसलिए कोशिश करें कि जिस कंपनी का फोन है, उसी कंपनी का चार्जर भी हो। या फिर नामी कंपनियों के थर्ड पार्टी चार्जर खरीदें।
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