सरसा। मानवता भलाई कार्यों और रूहानियत की यूनिवर्सिटी के रूप में विश्व प्रसिद्ध सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के 75वां रूहानी स्थापना दिवस के शुभ भंडारे पर शनिवार को शाह सतनाम जी धाम में साध-संगत के उत्साह ने नया इतिहास रच दिया। 7 विशाल पंडालों के साध-संगत से खचाखच भरने के साथ ही आश्रम की ओर आने वाले मार्गों पर कई-कई किमी. साध-संगत का विशाल समूह ही नजर आया। लगभग 1000 एकड़ जगह में संगत के बैठने के लिए इंताजाम किया गया, लेकिन सब कम पड़ता नजर आया। नामचर्चा में पहुंची साध-संगत के जोश, जुनून, उमंग व असीम आस्था के समक्ष डेरा प्रबंधन द्वारा किए गए सभी प्रबंध बोने साबित हुए। इस अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने रूहानी चिट्ठी भेजी, जिसे साध-संगत के बीच पढ़कर सुनाया गया।
चिट्ठी के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने 157वां मानवता भलाई कार्य ‘उत्तम संस्कार’ शुरू करवाया, जिसके तहत साध-संगत रोजाना या सप्ताह में 3 बार आप अपने बच्चों को ‘मानवता व मानवता भलाई, सृष्टि की भलाई’ के बारे में शिक्षा देगी व प्यार से समझाएगी। पूज्य गुरु जी ने चिट्ठी के माध्यम साध-संगत को एकता में रहने, सभी धर्मों का सत्कार करने का आह्वान किया। इसके अलावा मई महीने को भी डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत को भंडारे के रूप में मनाने के वचन किए हैं। चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ने बताया कि 1948 के मई महीने में डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने सत्संग फरमाया था, इसलिए इस महीने के आखिरी रविवार को भी साध-संगत भंडारे के रूप में मनाया करेगी।
हमारे प्यारे बच्चो, ट्रस्ट प्रबंधक सेवादारो व सेवादारो, आप सबको 75वे ‘स्थापना दिवस’ व 16वे ‘जामे इन्सां गुरु का दिवस’ की बहुत-बहुत बधाई व बहुत-बहुत आशिर्वाद। धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा।
हमारे जान से भी प्यारे करोड़ों बच्चो, आप सब अपने-अपने गांव व ब्लॉकों में जो ‘नामचर्चा’ कर रहे हैं उसके लिए हम परम पिता परमात्मा से ये प्रार्थना करते है कि वो आपको इसका ‘फल’ आगे से सैकड़ों गुणा बढ़ कर दें व जो आप ‘डेरों’ में आकर ‘नामचर्चा सत्संग’ सुनते है व सेवा करते हैं इसका ‘फल’ आपको, हर बार हजारों गुणा बढ़के दें। परम पिता जी आपको बहुत-बहुत खुशियां रूपी ‘फल’ जरूर देंगे।
हमारे प्यारे बच्चो, जैसे आपको पता ही है कि हम आपके M.S.G गुरु 1948 से ही सभी धर्मों का सत्कार करते हैं व ऊंच-नीच, जात-पात का भेदभाव नहीं करते तो आप सब भी हमारी उपरोक्त बातो को मानते है पर जो 100 प्रतिशत इन बातों को मानेगा, परम पिता शाह सतनाम जी शाह मस्तान जी उन्हें तंदरूस्ती व रूहानी ताजगी बख्शेंगे। प्यारे बच्चो भंडारे के इस शुभअवसर पर एक नया मानवता भलाई का कार्य शुरू कर रहे हैं। आप रोजाना या 7 दिन में 3 बार आप अपने बच्चों को मानवता व मानवता भलाई, सृष्टि की भलाई के बारे में शिक्षा देंगे, प्यार से समझाएंगे। इस कार्य का नाम है ‘उत्तम संस्कार’ आप हाथ खड़े करे। नारा लगाएं। हाथ नीचे कर लें। सतगुरु जी आप सबको बहुत-बहुत नई खुशीयां दे व आपकी सबसे बड़ी जायज मांग जल्द से जल्द पूरी करे, वो जरूर से जरूर पूरी करेंगे।
हमारे अति प्यारे बच्चो, आप सब हमारी यानि आपके MSG गुरु की बात मानते हुए नामचर्चा व नामचर्चा सत्संग में एकता व एक रहने का व अपने गुरु के ही बने रहने का प्रण करके नारा लगाते हो तो हम भी आपको वचन देते हैं कि हम ही आपके MSG गुरु थे, है व रहते हुए, आपके इस प्रण के बदले हर बार परम पिता परमात्मा से आपको नई-नई रूहानी, नूरानी व दुनियावी खुशियां दिलवाते रहेंगे व आपके साथ व देहरूप में सामने आकर आप सबका मार्गदर्शन करते रहेंगे। शाह मसताना जो दाता ने 1948, 29 अप्रैल को नींव रखने के बाद, मई में पहला सत्संग डेरे में किया था तो मई के आखरी रविवार को ‘’सत्संग भंडारा’’ मनाया करेंगे।
आशिर्वाद
आपका M.S.G. गुरु
दासन दास
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