covid-19: जब अस्पताल ही बीमार हो तो उसका क्या इलाज है…

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कोविड की चौथी लहर से निपटने की व्यवस्था भगवान भरोसे

सच कहूँ/संदीप सिंहमार।
हिसार।
बीमार होने पर अस्पताल जाने का रिवाज है ,जब अस्पताल ही बीमार (covid-19) हो तो उसका क्या इलाज है ? आधुनिक काल के कवि सुरेंद्र दुबे की यह पंक्तियां आजकल कोविड की चौथी लहर से निपटने के सरकारी प्रबंधों पर सटीक बैठती है। इस लहर से किस तरह से निपटा जाए अभी तक जिला स्तरीय प्रशासन से लेकर सरकार तक कोई भी प्लान नहीं बना पाया है लेकिन आए दिनों पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

यहां तक की हिसार के नागरिक अस्पताल व अग्रोहा मेडिकल (covid-19) कॉलेज में जहां आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, वहां का नर्सिंग स्टॉफ व कई डॉक्टर स्टॉफ भी पॉजिटिव मिले हैं। ऐसी स्थिति में सब वैश्विक महामारी की तीन लहर पहले आ चुकी हो तो व्यवस्था चाक-चौबंद मिलनी चाहिए लेकिन यहां सारी व्यवस्था उल्टी है। इस बार सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मी ही पॉजिटिव आने लगे हैं आमजन की क्या स्थिति होगी स्वयं अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि केंद्र सरकार में राज्य सरकार के प्रयासों से वैक्सीनेशन होने की वजह से पीड़ित लोग जल्दी रिकवर हो रहे हैं लेकिन प्रशासनिक तौर पर व्यवस्था अभी सिर्फ भगवान भरोसे है।

जिले में कोरोना संक्रमण के 56 नए मामले आए सामने

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ सुभाष खतरेजा ने बताया कि शनिवार को जिले में (covid-19) कोरोना संक्रमण के 56 नए मामले सामने आए हैं। जिले में एक्टिव केसों की संख्या बढक़र 206 तथा रिकवरी रेट 97.83 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि जिले में 10 लाख 3 हजार 84 लोगों की जांच की जा चुकी है, जिसमें संक्रमण के कुल 64 हजार 323 मामले सामने आ चुके हैं। अब तक कुल 62 हजार 930 मरीज कोरोना से रिकवर हो चुके हैं। कोविड-19 की पहली लहर में 327, दूसरी लहर में 814, तीसरी लहर में 45 तथा चौथी लहर में एक संक्रमित मरीज की मृत्यु हुई है।

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