दिल्ली(सच कहूँ /रविंद्र सिंह )। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) से मीटिंग करने पहुंचे हरियाणा के खाप प्रतिनिधियों सहित देश के अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों को दिल्ली पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया। दिल्ली पुलिस ने मीटिंग की परमिशन न होने का हवाला देते हुए सभी को मीटिंग करने से रोका और उन्हें हिरासत में लिया। वहीं दूसरी ओर सभी प्रतिनिधियों को 3 घंटे की हिरासत के बाद रिहा कर दिया गया। उक्त कार्रवाई सत्यपाल मलिक की टिप्पणी के बाद सीबीआई की चिट्ठी आने पर हुई।
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आयोजन को लेकर नहीं ली थी मंजूरी
गौरतलब है कि मलिक का सम्मान करने के लिए हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाप प्रतिनिधि, आरके पुरम के सेक्टर-12 स्थित सेंट्रल पार्क में एकत्रित हुए थे, जहां पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया। वहां लगे टेंट गिरा दिए। इस बारे में पुलिस ने कहा कि पार्क में आयोजन को लेकर कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सीआरपीएफ की तैनाती की गई।
सभी रहें अलर्ट: गुरनाम सिंह चढूनी
वहीं दूसरी ओर किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने वीडियो जारी कर कहा कि जैसा कि मैंने कल ही आप सभी को आग्रह किया था कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जो टिप्पणी की थी, इसके लिए उन्हें दंड मिल सकता है। इस के बाद उन्हें सीबीआई की चिट्ठी मिली। आज दिल्ली के आरके पुरम इलाके में अनेक खापों के साथ उनका लंच का कार्यक्रम था। जहां दिल्ली पुलिस पहुंची और सभी को हिरासत में ले लिया। इसके बाद हरियाणा के किसानों के रोड जाम करने, प्रदर्शन करने समेत अन्य तरह से विरोध जाहिर करने बाबत फोन आ रहे हैं। जिसके लिए मैं सभी साथियों को कहूंगा कि कोई भी इस तरह का कदम न उठाए। मगर सभी अलर्ट मोड़ में रहे। हालात का कुछ नहीं पता है।
साउथ वेस्ट के डीसीपी की मानें तो सत्यपाल मलिक का बेटा और बेटी आरकेपुरम इलाके में रहते हैं। मलिक भीड़ के साथ एक पार्क मीटिंग कर रहे थे, इसकी परमिशन के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने ना में जवाब दिया। इसके बाद मलिक अपनी कार से थाने आए। उन्होंने कहा कि न तो पुलिस ने उन्हें बुलाया है और न ही उन्हें हिरासत में लिया है।
मलिक 2019 में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे
गौरतलब है कि 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। उस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। (Satya Pal Malik) बता दें कि सत्यपाल मलिक, उस वक्त जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। उन्होंने अपने साक्षात्कार में कहा, प्रधानमंत्री को कश्मीर के बारे में ‘गलत जानकारी’ है। वे वहां से ‘अनभिज्ञ’ हैं।उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की चूक के कारण फरवरी 2019 में पुलवामा में जवानों पर घातक हमला हुआ, मुझे (सत्यपाल मलिक) उसके बारे में बोलने से मना किया था।
सत्यपाल मलिक ने कहा, सीआरपीएफ ने एयरक्रॉफ्ट की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विमान देने से इनकार कर दिया था। सड़क मार्ग पर प्रभावी ढंग से सुरक्षा इंतजाम नहीं थे।
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