हाईकोर्ट में सुनवाई : वकील नहीं कर सके हिरासत के सबूत पेश
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पिछले 25 दिन से फरार चल रहे ‘वारिस पंजाब दे’ के (Amritpal Singh) चीफ एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह मामले में आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में सुनवाई हुई। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के वकील इमान सिंह खारा द्वारा हाईकोर्ट में हैबियस कॉपर्स के तहत ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया गया, जिससे अमृतपाल के अवैध पुलिस हिरासत में होने की पुष्टि हो सके।
वकील ने कहा कि उन्होंने अपना जवाब केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि उन्हें अपना जवाब पंजाब सरकार को देना चाहिए था। इसके बाद हाईकोर्ट ने अन्य मामलों के साथ अमृतपाल के इस मामले की आगामी सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।
हैबियस कॉपर्स के तहत अवैध पुलिस हिरासत में बताया | Amritpal Singh
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले में पिछली सुनवाई पर वारिस पंजाब दे के लीगल एडवाइजर एडवोकेट इमान सिंह खारा से कहा था कि वह कोई ऐसा सबूत पेश करें कि, जिससे अमृतपाल के अवैध पुलिस हिरासत में होने का दावा साबित होता हो सके।
पुलिस को पड़ चुकी है फटकार | Amritpal Singh
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने अमृतपाल सिंह के मुद्दे पर सरकार व पुलिस को फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने पुलिस से पूछा कि अमृतपाल देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?। 80 हजार पुलिस वालों के घेरे से वह कैसे भाग निकला? हाईकोर्ट ने इसे पुलिस का इंटेलिजेंस फेलियर करार दिया था। वहीं इस पूरे घटनाक्रम में अभी तक अमृतपाल सिंह की दो वीडियो और एक आॅडियो भी सामने आ चुकी है।
साथी पपलप्रीत हो चुका है गिरफ्तार
गौरतलब है कि अमृतपाल के करीबी साथी पपलप्रीत की गिरफ्तार किया जा चुका है। बीते मंगलवार की सुबह आरोपी को अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया है। इस दौरान उसने कहा कि उसे नहीं पता कि अमृतपाल कहां है। 28 मार्च को ही वह उससे अलग हो गया था। उसके बाद उससे कॉन्टेक्ट नहीं हो पाया।
डिब्रूगढ़ पहुंचे थे एसजीपीसी प्रतिनिधि और वकील | Amritpal Singh
असम की डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल सिंह के आठ सहयोगियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत बंद किया गया है। बीते सोमवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रतिनिधि और वकील आरोपियों से मिलने पहुंचे थे। एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा था कि अकाल तख्त के जत्थेदार के आदेश के बाद डिब्रूगढ़ में रासुका के तहत कैद युवकों के मामलों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने जेल में बंद इन 8 आरोपियों को कानूनी सहायता प्रदान करने की बात कही है।
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