बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्थित शाह सतनाम जी सर्व-कल्याण आश्रम में साध-संगत द्वारा एमएसजी भंडारे के उपलक्ष में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विशेष नामचर्चा का आयोजन कर भंडारा मनाया गया। इस दौरान उपस्थित साध-संगत ने पूज्य गुरुजी के वचनों पर चलते रहने का संकल्प लिया।
साध-संगत ने पूज्य गुरुजी की पावन शिक्षाओं का तहदिल धन्यवाद कर आगे भी डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे 156 मानवता भलाई के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का प्रण लिया। साध-संगत ने 11 जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं को पोष्टिक आहार दिया। साध-संगत का यह मानवता भलाई कार्य वहां के आस पास के लोगों में चर्चा का विषय बन गया है। लोग कहते हुए नजर आते हैं वाह क्या बात है इन्सान हो तो ऐसा जो दूसरों की भलाई के लिए कार्य करते हैं।
सभी अपनी सेवा पर दृढ़ता से डटे रहें
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि किसी ने भी अपनी सेवा नहीं छोड़नी है और अपनी सेवा पर पक्का रहना है। ये दर शाह सतनाम, शाह मस्तान दाता रहबर का सच्चा सौदा है। सतगुरु से प्रीत लगाई है और ये किसी आदमी के कहने से टूट गई तो कैसी यारी है? सतगुरु, पीर-फकीर कभी किसी का बुरा नहीं सोचते, कभी किसी का बुरा नहीं करते, सबके लिए दुआ में हाथ उठाते हैं, बद्दुआ नहीं देते। हाँ, अगर कोई आपको ये कह देता है, मान लो कोई सेवादार खड़ा नजर आ गया, आप सोचते हैं कि ये वहां पास खड़ा था, अब हमारा तो आप साध-संगत में ध्यान है।
कोई भी अपनी मयार्दा के उलट चलकर अगर आपको कुछ गलत कहता है और हमारा नाम लेता है तो समझ लो वो आदमी गलत हो सकता है, क्योंकि हम कभी भी किसी को गलत रास्ता नहीं दिखाते। हमारा काम तो नि:स्वार्थ भावना से प्रेम करना, सबको बेगर्ज प्यार करने की शिक्षा देना, धर्म-जात का भेदभाव ना करके सबको एक समझना और सबका 100 पर्सेंट सत्कार करना, ये हमारे उसूल हैं, 1948 से लेकर अब हैं और चलते रहने हैं। इसलिए ये पूरा ध्यान रखना सेवादारों।
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