सरसा। (सच कहूँ न्यूज) पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इस घोर कलियुग में अल्लाह, वाहेगुरु, मालिक का नाम लेना बड़े भागों की बात है। भाग्यशाली जीव जो राम-नाम से जुड़ते हैं और राम-नाम से जुड़कर वो अति भाग्यशाली बन जाया करते हैं। जीव ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम के नाम का ज्यों-ज्यों सुमिरन करता है, त्यों-त्यों जन्मों-जन्मों की मैल, पाप उतरते चले जाते हैं और अंत:करण से इन्सान इस काबिल बन जाता है कि इस मृतलोक में कण-कण, जर्रे-जर्रे में मालिक के नूरी स्वरूप के दर्शन होने लगते हैं।
यह भी पढ़ें:– फसलें बर्बाद होने से हौंसला ना हारें किसान, पढ़ें गुरु जी ने क्या कहा…
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि कि भगवान के नूरी स्वरूप के दर्शन होने से आदमी की जिंदगी एकदम से बदल जाती है। हर तरह का गम, चिंता, टेंशन, परेशानी और आत्मा की जन्म-मरण की बीमारी क्षण में कट जाती है। वो इतनी खुशी से, लज्जत से जिंदगी गुजारता है जिसका लिख-बोलकर वर्णन नहीं किया जा सकता। हर तरह की खुशबू, लज्जत, स्वाद उसे नसीब हो जाता है। जैसे जिह्वा, इंद्रियों के भोग-विलास का स्वाद क्षण भर का होता है।
जब तक कोई चीज जिह्वा के संपर्क में रहती है तो स्वाद आता रहता है। उसको खाने के कुछ समय बाद मुंह फिर से बकबका हो जाता है लेकिन जीव एक बार मालिक के नूरी स्वरूप का दर्शन कर ले तो इनसे करोड़ों गुणा बढ़कर नशा, लज्जत, स्वाद आता है और वो परमानेंटली रहता है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।