सीएम भगवंत सिंह मान ने प्रदेश में फसलों की विभिन्नता पर दिया जोर, किसानों को बीजों पर दी जाएगी सब्सिडी
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। सीएम भगवंत सिंह मान ने प्रदेश में फसलों की विभिन्नता पर जोर दिया है। उन्होंने वीडियो जारी करते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने चीफ सेक्रेटरी के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी स्टडी और किसानों से बातचीत कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी बताएगी कि गेहूं के अलावा वे सभी कौन सी फसलें हैं, जिनमें कम पानी का इस्तेमाल कर खर्चा कम और फायदा अधिक लिया जा सकता है।
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सीएम मान ने कहा कि किसानों को फसलों के बीजों पर 33 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा फसलों को मक्खी और अन्य चीजों से बचाने के लिए पीएयू के माहिरों की मदद ली जाएगी। साथ ही किसानों की फसल खराब होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए फसल बीमा करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री (Bhagwant Mann) ने कहा कि पिछले साल बासमती की फसल अच्छी हुई थी। इस बार भी इसको लेकर किसान उत्साहित है। लेकिन अंदेशा है कि अगर बासमती की खेती अच्छी होती है और उसके रेट गिर सकते है। ऐसे में सरकार ने मार्कफैड को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। मार्कफैड नोडल एजेंसी के रूप में प्रोजेक्टर में काम करेगा। पहले मार्कफैड द्वारा रेट तय किए जाएंगे। अगर रेट उससे नीचे गिर जाते हैं तो सरकार बासमती खरीदेगी। किसानों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। बासमती विदेशों में भेजी जाती है। वहां के मानकों पर हमारी बासमती पूरी उतरे इसके लिए चुगांवा व जालंधर में रिकमडेंशन व रिसर्च सेंटर बनाए है। इन सेंटरों द्वारा बताया जाएगा कि किसानों को कितने कीटनाशक प्रयोग करने है।सीएम मान ने कहा कि पूसा 44 धान की एक ऐसी किस्म है जिसे पकने में काफी समय लगता है। इसके लिए ज्यादा पानी और लाइट की जरुरत पड़ती है। इससे पराली भी ज्यादा होती है। वहीं, किसानों को भी परेशानी होती है। ऐसे में इस बार पीआर 126 जैसी धान की किस्में किसानों को अपनानी चाहिए। इससे किसानों का फायदा होता है।
सीएम ने कहा कि मूंग की फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एमएसपी देगी। हालांकि माहिरों से बातचीत में सामने आया है कि जहां पर मूंग की फसल की बिजाई की जाती है, वहां पर सफेद मक्खी पैदा हो जाती है। इसके बाद यह मक्खी कपास की तरफ चली जाती है। सीएम भगवंत मान ने कहा कि ऐसे में चार जिलों मानसा, बठिंडा, मुक्तसर व फाजिल्का के किसानों को मूंग की फसल न बिजाई करने की सलाह दी जाती है। वहीं, सरकार की तरफ से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2500 किसान मित्र नियुक्त किए जाएंगे। 100 खेतीबाड़ी माहिर नियुक्त किए जाएंगे, जो कि लोगों को जागरूक करेंगे।
मुख्यमंत्री (Bhagwant Mann) ने कहा कि पंजाब में पहले विभिन्न किस्मों की फसलों की बिजाई की जाती है। लेकिन गत समय में किसान धान की फसल पर ही जोर दे रहे हैं। जिससे कई तरह की दिक्कतें पैदा हो रही हैं। बिजली, पानी का गिरता स्तर प्रमुख है। इस वजह से पंजाब का अस्सी फीसदी एरिया डार्क जोन में चला गया है। इसके साथ ही पराली से जुड़ी कई तरह की समस्याएं शामिल हैं। इन चीजों के हल के लिए पंजाब सरकार ने पहल की है। इस मामले में चीफ सेक्रेटरी की अगुवाई में एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी विभिन्न गांवों का दौरा करेगी। साथ ही किसानों से बातचीत कर पता लगाएगी कि ऐसी कौन सी फसलें, जिनमें कम सिंचाई करनी पड़े। साथ ही उत्पादन अच्छा हो।
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