रुहानी मजलिस
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि यह घोर कलियुग का समय है। ऐसे समय में मन इंद्रियां बड़ी जोरों पर हैं। वो इंद्रियां जिनको आत्मा का साथ देना होता है, आज मन के अधीन हैं, मन की गुलाम हो चुकी हैं।
पूज्य गुरू जी (MSG) ने इन्सान के मन पर कटाक्ष करते हुए फरमाते हैं कि कलियुग के इस दौर में लोग बुरा देखते हैं, गंदी बातें सुनते हैं, बुरा स्पर्श चाहते हैं, अहसास गंदा चाहते हैं। आपजी ने फरमाया जिन मनोइंद्रियों को आत्मा का साथ देना था, आज वो मन की गुलाम हो गई हैं। कहां ये मनो इंद्रिया आत्मा का साथ देती, अल्लाह, वाहेगुरू, राम को देखती, उसकी रसना सुनती, उस मालिक के स्पर्श के लिए बेताब रहती।
आपजी ने आगे फरमाते हैं कि इस घोर कलियुग में लोग बुराइयों में पड़ कर अपने जीवन को बर्बाद कर रहे हैं। इन बुराइयों से छुटकारा पाने के लिए सुमिरन के अलावा और कोई तरीका नहीं है, सेवा करो, सुमिरन करो। परिवार में रहते हुए हक-हलाल, कड़ा परिश्रम, मेहनत की करके खाओ। पूज्य गुरू जी ने फरमाते हैं कि आदमी गुरू, पीर, फकीर के वचन सुनता है, अगर वो मान ले, इस जन्म तो क्या जन्मों-जन्मों के पाप कर्म कट जाएं।
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