ग्रामीण विकास को गति देने के लिए इन पंचायतों ने पास किया रेजोल्यूशन
सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा
गुरुग्राम। जिले की ग्राम पंचायतों ने ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों में (E-tendering) पारदर्शिता लाने के लिए हरियाणा सरकार की ई-टेंडर व्यवस्था में रूचि दिखाई है। जिला की 127 ग्राम पंचायतों ने रेजोल्यूशन पास करके ई-टेंडर व्यवस्था के माध्यम से विकास कार्य करवाने की सहमति दी है। यह दावा सोमवार को जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने किया। जिला की पंचायतों में विकास कार्यों को गति देने के लिए डीसी निशांत कुमार यादव ने ग्राम सचिवों की बैठक ली। बैठक में ग्राम पंचायतों में ई-टेंडरिंग के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों सहित शिव धाम योजना पर विस्तार से चर्चा की गई। डीसी ने ग्राम सचिवों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायतों में पांच लाख से अधिक राशि के विकास कार्य ई-टेंडरिंग के माध्यम से करवाने के निर्देश दिए है।
ऐसे में सभी ग्राम सचिव मार्च माह के अंत तक प्रत्येक (E-tendering) पंचायत से पांच लाख से अधिक राशि के विकास कार्यों का रेजोल्यूशन पास करवाकर उसका एस्टीमेट तैयार करवाएं। इसके बाद संबधित एस्टीमेट को ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत आगे भिजवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक पंचायत से कम से कम दो विकास कार्य ई-टेंडरिंग के लिए भेजे जाएं। बैठक के दौरान जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जिला की 157 ग्राम पंचायतों में से 127 ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के रेजोल्यूशन पास हो चुके हैं। जिसमें से 53 विकास कार्यों के टेंडर लगाए गए हैं। इसी क्रम में 11 विकास कार्यों के टेंडर फ्लोट हो चुके हैं।
बैठक के दौरान डीसी ने शिव धाम योजना की समीक्षा (E-tendering) करते हुए कहा कि योजना को लेकर सरकार पूर्णत: गंभीर है। योजना के तहत प्रदेश की सभी श्मशान भूमि पर चार मूलभूत सुविधाएं जैसे पीने का पानी, टीन शेड, पक्की चारदीवारी सहित श्मशान घाट तक पहुंचने का पक्का रास्ता बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी शिव धाम यानी शमशान घाट पर (E-tendering) यह चारों सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने तीन माह का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में सभी ग्राम सचिव योजना के तहत किए जाने वाले विकास कार्यों की अगले 15 दिनों में जिला की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। इस दौरान किसी भी श्मशान घाट पर इन चार मूलभूत सुविधाओं में से कोई भी अपूर्ण मिली तो संबंधित ग्राम सचिव को जिम्मेदार माना जाएगा।
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