सरसा (सच कहूँ/ सुनील कुमार)। डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने शनिवार को शाह सतनाम जी धाम में पावन ‘एमएसजी गुरुमंत्र भंडारा’ हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों सहित दुनियाभर से बड़ी तादाद में साध-संगत ने शिरकत की। पावन भंडारे पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा भेजी गई 14वीं चिट्ठी साध-संगत को पढ़कर सुनाई गई। चिट्ठी को सुनकर साध-संगत भाव विभोर हो गई। चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ने हरियाणा और राजस्थान में चलाए गए सफाई महा अभियानों रूपी महायज्ञ में आहुति डालने वाली साध-संगत की भरपूर प्रशंसा की और आशीर्वाद दिया। वहीं पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की बेटी आदरणीय ‘रूह दी’ हनीप्रीत इन्सां (Honeypreet Insan) ने पावन भंडारे पर शिरकत की।
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‘एमएसजी गुरुमंत्र भंडारे
वहीं चिट्ठी के माध्यम से पूज्य गुरु जी ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज और पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज ने भी मार्च महीने में ही गुरुमंत्र की अनमोल दात प्राप्त की थी। इसलिए आगे से 25 मार्च के भंडारे को ‘एमएसजी गुरुमंत्र भंडारे’ के रूप में मनाया जाएगा। पूज्य गुरु जी ने स्पष्ट किया कि साध-संगत ने ही राजनीतिक विंग बनाया था और अब साध-संगत ने ही उसे भंग कर दिया है और साध-संगत को एकता में रहने का संदेश दिया। ‘एमएसजी गुरुमंत्र भंडारे’ (MSG Bhandara) पर डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई कार्यों के तहत 50 जरूरतमंदों को एक-एक माह का राशन और सेफ मुहिम के तहत नशा छोड़ने वाले युवाओं को 50 हेल्दी डाइट किटें दी गई। वहीं आशियाना मुहिम के तहत डेरा सच्चा सौदा की ओर से जरूरतमंद विधवा महिला को बनाकर दिए मकान की चाबी सौंपी गई।
गौरतलब है कि पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने पूज्य बाबा सावण सिंह जी महाराज से और पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज ने पूज्य शाह मस्ताना जी महाराज से मार्च महीने में गुरुमंत्र की दात प्राप्त की थी और 25 मार्च 1973 के दिन सच्चे रूहानी रहबर पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को गुरुमंत्र की दात बख्शी थी। डेरा सच्चा सौदा का हर श्रद्धालु पूरे ‘मार्च’ महीने को इन्सानियत की भलाई के काम करके मना रहा है।
सुबह 11 बजे पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को पवित्र नारा ‘‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’’ के रूप में पावन ‘एमएसजी’ भंडारे की बधाई के साथ नामचर्चा का आगाज हुआ। इसके पश्चात कविराजों ने विभिन्न भक्तिमय भजनों के माध्यम से गुरु महिमा का गुणगान किया। साध-संगत के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नामचर्चा की शुरूआत से पहले ही विशाल पंडाल साध-संगत से खचाखच भर चुका था और आश्रम के चहुंओर के मार्गों पर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी।
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