खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह सहित सात गिरफ्तार, इंटरनेट सेवाएं बंद, धारा 144 लागू
जालंधर (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब के अमृतसर में जी-20 शिखर सम्मेलन संपन्न होने के एक दिन बाद पुलिस ने शनिवार को खालिस्तान समर्थक संगठन (Waris Punjab De) के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाते हुए अब तक कुल 78 लोगों को गिरफ्तार किया है तथा अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पंजाब पुलिस के आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अपराह्न पुलिस ने जालंधर जिले के शाहकोट-मलसियान रोड पर वारिस पंजाब दे के सात लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह सहित कई अन्य फरार हैं और उन्हें पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है। राज्यव्यापी अभियान के दौरान अब तक एक .315 बोर राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवॉल्वर और विभिन्न कैलिबर के 373 जिंदा कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए गए हैं।
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इंटरनेट सेवाएं बंद, धारा 144 लागू
अमृतपाल सिंह सहित कई अन्य फरार हैंजब उनका काफिला जिला जालंधर के शाहकोट मलसियां इलाके से होते हुए वाया मोगा रामपुराफूल की तरफ जा रहे थे, जहां उन्होंने एक कार्यक्रम में शामिल होना था। मोगा जिला प्रशासन ने मोगा में धारा 144 लागू कर दी है और लोगों से अपने घरों में ही रहने की अपील की है। पुलिस ने सार्वजनिक उद्घोषणा में कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वाले को जेल जाना पड़ सकता है।
क्या है मामला
पुलिस सूत्रों अनुसार विवादास्पद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने सुबह लगभग साढ़े नौ बजे आपरेशन शुरू किया था, जो दोपहर बाद तीन बजे तक चला। इस दौरान पुलिस ने किसी गड़बड़ के मद्देनजर अमृतसर जिले में स्थित अमृतपाल सिंह के गांव जल्लुपुर खेड़ा को भी सील कर दिया है। यहां पुलिस के साथ-साथ केन्द्रीय सुरक्षा बल भी तैनात किया गया है। पंजाब के गृह सचिव अनुराग वर्मा के अनुसार सरकार द्वारा इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं रविवार दोपहर 12 तक बंद कर दी गई हैं। पंजाब के मोगा जिले में भारी पुलिस तैनाती देखी गई। इस बीच, पंजाब पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने लोगों से पुलिस के कामकाज में दखलअंदाजी न करने की भी अपील की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमृतपाल का काफिला जब शाहकोट के पास पहुंचा, तभी पुलिस फोर्स ने उसे घेर लिया। पुलिस ने दो गाड़ियों में सवार छह साथियों को पकड़ लिया, जबकि वह खुद अपनी मर्सिडीज कार में भाग निकलने में कामयाब रहा। बाद में पुलिस ने अमृतपाल को जालंधर के नकोदर के पास से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने अमृतपाल के छह साथियों के पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किया है। हाल ही में अमृतपाल सिंह द्वारा अजनाला पुलिस थाने पर कब्जा करने की घटना के बाद केन्द्र सरकार ने इसका कड़ा संज्ञान लिया था।
दुबई से लौटा और सरगना बन बैठा अमृतपाल
‘वारिस पंजाब दे’ का स्वघोषित सरगना अमृतपाल सिंह पिछले ही साल दुबई से लौटा है। पिछले साल 29 सितंबर, 2022 को अमृतपाल ने खुद को ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख घोषित कर डाला। जरनैल सिंह भिंडरावाला के पैतृक गांव (मोगा जिले के रोड) में उसने भिंडरावाले की ही तरह ‘दस्तार बंदी’ समारोह आयोजित किया था, जिसमें खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए थे। दीप सिद्धू ने जब संगठन बनाया था, तब खालिस्तान समर्थन जैसी बातें सामने नहीं आई थीं। दीप के परिवार ने अमृतपाल से दूरी बनाते हुए कहा है कि वारिस पंजाब दे का प्रमुख उन्होंने नहीं बनाया। उन्हें तो ये भी नहीं मालूम कि दुबई से पैराशूट लैंडिंग कर अमृतपाल कैसे ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बन बैठा।
‘वारिस पंजाब दे’ संगठन क्या है
‘वारिस पंजाब दे’ की स्थापना पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने सितंबर 2021 में की थी। सिद्धू किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी 2021 को दिल्ली के लाल किले पर निशान साहब फहराने की घटना से सुर्खियों में आए थे। इसका मकसद बताया गया- युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को ‘जगाना’। 15 फरवरी 2022 को एक सड़क दुर्घटना में सिद्धू की मौत के बाद सितंबर 2022 से इसकी कमान अमृतपाल ने संभाल ली।
जरनैल सिंह भिंडरावाला के पैतृक गांव (मोगा जिले के रोड) में उसने भिंडरावाले की ही तरह ‘दस्तार बंदी’ समारोह आयोजित किया था, जिसमें खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए थे। दीप सिद्धू ने जब संगठन बनाया था, तब खालिस्तान समर्थन जैसी बातें सामने नहीं आई थीं। दीप के परिवार ने अमृतपाल से दूरी बनाते हुए कहा है कि वारिस पंजाब दे का प्रमुख उन्होंने नहीं बनाया। उन्हें तो ये भी नहीं मालूम कि दुबई से पैराशूट लैंडिंग कर अमृतपाल कैसे ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बन बैठा।
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