सभी धर्मों और संत-महापुरुषों का दिल से सत्कार करने की दी शिक्षा
- पूज्य गुरु जी ने हमेशा सत्संगों में आदर सत्कार से सुनाई है संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी महाराज की वाणी
जाखल (सच कहूँ/तरसेम चाँदपुरिया)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने रूहानी सत्संगों के माध्यम से संत शिरामणि श्री गुरु रविदास जी महाराज, संत कबीर दास जी सहित सभी संत-महापुरुषों का संदेश आमजन तक पहुँचाया है और इनकी पाक-पवित्र शिक्षाओं पर चलने की प्रेरणा दी है। पूज्य गुरु जी के खिलाफ पंजाब के जालंधर जिले के पतारा में दर्ज केस किसी साजिश की ओर संकेत करता है। जब पूज्य गुरु जी सभी धर्मों, संत, महापुरुषों का सम्मान करते हैं तो उनके ऊपर इस तरह के आरोप लगाना अत्यंत निंदनीय है। आइए जानते हैं रविदासिया भाइचारे की जुबानी उनके विचार
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पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां सभी धर्मों का आदर सत्कार करते हैं। पूज्य गुरु जी हमें संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी महाराज की वाणी का ज्ञान करवाया और उन पर चलना भी सिखाया। मैं रविदासिया समाज से हूँ। सतगुरु रविदास जी की बल्ला साहिब से प्रकाशित अमृतवाणी नितनेम उच्चारण करता हूँ और 2009 में अपने गाँव चांदपुरा में हरि का निशान 81 फुट ऊंचा स्थापित किया। हर वर्ष श्री गुरु रविदास जी महाराज की जयंती पर संगत के साथ काशी और जालंधर स्थित बल्ला साहिब भी दर्शन हेतू जाते हैं। पूज्य गुरु जी ने हमेशा एक बात कही कि सभी धर्मों और संत, महापुरुषों का दिल से सत्कार करो, ना कि दिखावा करो।
-रामचंद्र इन्सां, वार्ड नंबर 5 ब्लॉक समिति सदस्य, जाखल (फतेहाबाद)
डेरा सच्चा सौदा एक खुली किताब है, जहां सर्वधर्म एक का संदेश मिलता है और 36 बिरादरी के लोग यहां पहुंचते हैं। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमेशा अपने सत्संग के दौरान सभी गुरु, पीर-पैगम्बरों और महापुरुषों का आदर सम्मान करना सिखाया है। पूज्य गुरु जी रूहानी सत्संग के दौरान संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी महाराज की वाणी का भी उच्चारण करके उनके अर्थ समझाते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं और इंसानियत का पाठ पढ़ाते हैं। हमारे गाँव की संगत में रविदासिया कौम से काफी संख्या में संगत से जुड़ कर मानवता की सेवा कर रही है। पूज्य गुरु जी ने हमें कभी भी किसी धार्मिक स्थल पर जाने से नहीं रोका बल्कि ये समझाया कि जहां भी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च सहित कोई भी धार्मिक स्थल दिखाई दे तो दिल से सजदा करो।
-सतीश कुमार, पूर्व सरपंच गाँव तलवाड़ी, जाखल
डेरा सच्चा सौदा ऐसी संस्था है जहां पर सभी धर्मों व जातियों का सम्मान किया जाता है। मैं डेरा सच्चा सौदा से पिछले 23 सालों से जूड़ा हुआ हूँ। मैं जाति तौर पर रविदासिया व धार्मिक तौर पर हिन्दू धर्म से संबंध रखता हूँ। जिस विडियो को लेकर लोग कहानियां बना रहे हैं, वह विडियो मैंने 50 बार देखी है, जिसमें पूज्य गुरु जी ने संत शिरोमणि श्री रविदास जी महाराज व संत कबीर दास जी की वाणी से साध-संगत को प्रेरणा दी है। उसमें एक प्रतिशत भी गलत नहीं बोला गया है। बल्कि मैंने आज तक पूज्य गुरु जी के पवित्र मुखारबिंद से किसी भी धर्म, जाति अथवा समप्रदाय कि खिलाफ एक भी शब्द नहीं सुना। पूज्य गुरु जी ने हमेशा सभी धर्मों व जातियों के देवी-देवताओं, महापुरुषों, संत-महात्माओं, गुरु साहिबानों व संतों का सम्मान करना सिखाया है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम जी इन्सां तो अपने सत्संग में सभी संत-महात्माओं की पवित्र वाणी को बड़े आदर सत्कार से साध संगत को सुनाते हैं और सभी को संत महात्माओं की प्रेरणा अनुसार चलने की पावन प्रेरणा देते हैं।
-जय भगवान इन्सां समाजसेवी, ब्लॉक धनौरी, जिला जीन्द हरियाणा
मैं लगभग 1970 से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ हूँ और मैंने परम पिता शाह सतनाम जी से नाम दान लिया और उनके भी सैकड़ों सत्संग सुने और पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के भी अनेक सत्संग सुने। मैं रविदासिया समाज से हूँ। मैंने हमेशा सत्संग के दौरान पूज्य गुरु जी से संत-महापुरुषों और गुरु, पीर-पैगम्बरों की अमृतवाणी सुनी है। पहले मुझे कुछ नहीं पता था, लेकिन जब पूज्य गुरु जी ने रूहानी सत्संगों में संत-महापुरुषों के पावन वचन सुनाए तो पता चला कि हमारे गुरु, पीर, फकीर कितने महान हैं। पूज्य गुरु जी ने हमेशा संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी महाराज और संत कबीर दास जी की वाणी को सुनाकर उस पर चलने की प्रेरणा दी है और बुराइयों से दूर रहते हुए मानवता का भला करना सिखाया है।
-बलदेव सिंह इन्सां रिटायर्ड मेट, सिंचाई विभाग, गांव चांदपुरा, जाखल
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