चंडीगढ़। (सच कहूँ न्यूज) पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां मानवता के मसीहा हैं। डेरा सच्चा सौदा में हर जाति, धर्म के लोगों का सत्कार किया जाता है। डेरा सच्चा सौदा में कोई पहचान नहीं की जाती है कि कौन किस जाति का है। वहां सभी एक सम्मान हैं। हमारा परिवार तीन-चार पीढ़ियों से डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़ा हुआ है। हमारे साथ वहां न तो किसी तरह से कोई भेदभाव हुआ है व न ही हमारे धर्म के बारे में या हमारे महापुरूष श्री गुरु रविदास जी के बारे में कभी बुरा बोला गया है, बल्कि पूज्य गुरु जी ने श्री गुरु रविदास जी का हमेशा से ही सम्मान किया है व उनकी पावन शिक्षाओं पर चलने की शिक्षा दी है। यह कहना है रविदासिया भाईचारे के लोगों का। सच-कहूँ के साथ इस भाईचारे के नेताओं ने अपने विचार सांझे किए हैं:-
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अपनी आंखों से देखा डेरा सच्चा सौदा
मैं रामदासिया भाईचारे से संबंधित बल्ली सिंह निवासी जखेपल वास, जिला संगरूर डेरा सच्चा सौदा द्वारा बनाई गई गांव स्तरीय कमेटी में 15 मैंबर के तौर पर सेवा कर रहा हूं। मैं बताना चाहता हूं कि मेरे पिता मेघा सिंह डेरा सच्चा सौदा की सेवा समिति में पिछले 30-32 वर्षों से सेवा कर रहे हैं। मेरे बच्चे भी डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़े हुए हैं। मेरे बच्चे, मेरा पूरा परिवार डेरा सच्चा सौदा में अथाह आस्था रखता है। हमारे रिश्तेदार डेरा सच्चा सौदा में सिर्फ सत्संग ही नहीं सुनते, बल्कि सेवा भी करते हैं। कोई लंगर समिति में सेवा करता है, कोई खेताबाड़ी में, कोई पानी पिलाने की सेवा करता है तो कोई साध-संगत के बैठने का प्रबंध करता है। मैं खुद भी डेरा सच्चा सौदा में सेवा करता हूँ।
हमें वहां जाकर कभी भी यह महसूस नहीं होता कि हमारे साथ सेवा कर रहे सेवादार किस धर्म-जाति के हैं और न ही हमने कभी किसी की धर्म-जात के बारे में पूछा है। हमारे गांव में भी डेरा सच्चा सौदा की बहुत साध-संगत है। गांव में भी सारी साध-संगत पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए मिल-जुलकर रहती है। यहां किसी जात-पात या धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं होता। मैं हजारों सत्संग सुन चुका हूं। कभी भी पूज्य गुरु जी ने श्री गुरु रविदास जी या किसी भी धर्म के महापुरूष की कभी भी निंदा नहीं की, बल्कि हमेशा ही उनकी पावन शिक्षाओं पर चलने की प्रेरणा दी है। बल्ली सिंह निवासी जखेपल वास
मैं बचपन से ही डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़ा हुुआ हूं क्योंकि मेरा परिवार मेरे जन्म से भी पहले डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़ा हुआ है। हमारे परिवार के लगभग सभी सदस्य डेरा सच्चा सौदा की विभिन्न समितियों के पक्के सेवादार हैं। ब्लाक बठिंडा की साध-संगत के साथ मिलकर मानवता भलाई के कार्यों में बढ़ चढ़कर सहयोग करता हूं। पहले मैं ब्लाक बठिंडा की नौजवान समिति में सेवा करता था, उसके बाद ब्लाक के 15 मैंबर व अब पंजाब की स्टेट कमेटी का सदस्य हूंं। इतने लम्बे समय के अंतराल में मैंने अनगिनत बार पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के सत्संग सुने हैं और मैंने आज तक कभी भी पूज्य गुरु जी के पवित्र मुखारबिंद से किसी भी धर्म, संतों-महात्माओं या किसी आमजन की भी निंदा नहीं सुनी व न ही किसी प्रति अपशब्द सुने हैं। पूज्य गुरु जी हमेशा सभी धर्मों व संतों-महापुरूषों का दिल से सत्कार करते हैं। 85 मैंबर पंजाब, रंजीत सिंह इन्सां, बठिंडा।
मैं बावा सिंह इन्सां (भोला सिंह) पुत्र हरनेक सिंह निवासी लहरागागा, तहसील लहरा, जिला संगरूर का रहने वाला हूं। मैं पिछले 29 वर्षों से डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़ा हुआ हूं। मेरी तीन पीढ़ियां डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़ी हुई हैं। मेरी माता बंत कौर इन्सां सरसा दरबार में सेवा करते हैं। मेरे बच्चे भी डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़े हुए हैं। मैंने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की बहुत सी सत्संगें सुनी हैं।
पूज्य गुरु जी ने हमेशा सत्संग में सभी धर्मों का सत्कार करना सिखाया है व गुरु, पीर, पैंगम्बरों की बाणी से सुखमयी जीवन जीने की शिक्षा लेने के लिए प्रेरित किया है। पूज्य गुरु जी महान संत श्री गुरु रविदास जी महाराज का अपमान करना तो दूर कभी ऐसा करने की कल्पना भी नहीं कर सकते। पूज्य गुरु जी श्री गुरु रविदास जी का बहुत सत्कार करते हैं। पूज्य गुुरु जी ने संतों की निंदा तो क्या करनी थी, आप जी तो किसी आमजन या बच्चे की भी निंदा नहीं करते।
बावा सिंह इन्सां (भोला सिंह) 15 मैंबर, लहरागागा, जिला संगरूर।
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