समर्थन मूल्य 5450 रुपये, किसान कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा में बुधवार से सरसों की सरकारी खरीद शुरू हो गई। बता दें कि पहले सरसों की सरकारी खरीद 28 मार्च से शुरू होनी थी, लेकिन किसान बड़ी संख्या में मंडियों में सरसों की फसल लेकर पहुंच रहे हैं। जिसके चलते सरकार ने 15 मार्च से सरसों की सरकारी खरीद का फैसला लिया। इस बार हरियाणा सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये घोषित किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 400 ज्यादा है। सरसों की खरीद के लिए सरकार ने हरियाणा की 114 मंडियों में इंतजाम किए हैं।
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वहीं किसानों का कहना है कि भले ही अनाज मंडी में सरसों की सरकारी खरीद शुरू हो गई हो, लेकिन उन्हें सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा, जिससे उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। नूंह की पुन्हाना अनाज मंडी में निजी कंपनियां सरसों को 4200 से 5300 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद रही हैं। वहीं भिवानी में 4000 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसार से खरीद हुई। भिवानी में हालांकि दोपहर तक तो ई-खरीद पोर्टल ही नहीं चला, जिसके चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि बीते साल सरसों की फसल निजी कंपनियों ने करीब 7000 से 7200 रुपये क्विंटल के हिसाब से खरीदी थी। किसानों ने कहना है कि हर साल बढ़ती महंगाई के चलते फसल पर लागत बढ़ रही है, लेकिन मुनाफा उन्हें ना के बराबर हो रहा है। जिससे उन पर आर्थिक संकट आन खड़ा हुआ है। इस बार चिंता की बात ये भी है कि पिछले साल की तुलना में इस बार ना तो सरसों की बंपर पैदावार हुई है और ना ही किसानों को भाव सही मिल पा रहा है। किसानों के मुताबिक सरकार को उनके बारे में कुछ सोचना चाहिए।
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