पंजाब को राजस्थान से जोड़ने वाला बठिंडा-श्रीगंगानगर रेलवे सेक्शन इलेक्ट्रिफाइल करने का काम युद्ध स्तर पर जारी
- रेलवे विभाग ने 30 मार्च तक कई गाड़ियां की रद्द ताकि कार्य समय पर हो सके पूरा
अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) अंबाला रेल मंडल के अधीन पंजाब को राजस्थान से जोड़ने वाला 70 किलोमीटर लम्बा बठिंडा-श्रीगंगानगर रेलवे सेक्शन इलेक्ट्रिफाइल करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। जबकि इलेक्ट्रिफाई हुए रेल सेक्शन पर इलैक्ट्रिक लोकोमोटिव से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो चुका है। अंबाला रेल मंडल के अधीन केवल बठिंडा-श्रीगंगानगर रेलवे सेक्शन इलेक्ट्रिफाइल का काम ही शेष ही था। काम पूरा होने के बाद इस रूट पर भी इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन आरंभ हो जाएगा। उधर, रेलवे स्टेशन मास्टर गोपाल बांसल ने बताया कि बठिंडा-श्रीगंगानगर रेलवे सेक्शन इलेक्ट्रिफाइल करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है जिसके चलते रेलवे विभाग ने कुछ गाडियां भी रद की है ताकि इस कार्य को बिना विघन व तेजी से मुकम्मल किया जा सके।
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यह प्रमुख रूट रेलवे ने किए इलेक्ट्रिफाई
अब तक अंबाला रेल मंडल के अधीन अम्बाला-दिल्ली, अंबाला लुधियाना, अम्बाला-कालका, अंबाला-सहारनपुर, राजपुरा-पटियाला, धुरी-जाखल, चंडीगढ़-मोरिंडा, धुरी-लेहरा मुहब्बत, सरहिंद-नंगल डैम आदि रेल सेक्शन को इलैक्ट्रिफाई किया जा चुका है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में केवल नैरो गेज सेक्शन ऐतिहासिक कालका-शिमला रेलमार्ग है, जोकि इलेक्ट्रिफाई नहीं हो सकता। बता दें कि 1987 में अंबाला रेल मंडल का गठन हुआ था और तब रेल मंडल को कुल 987 किलोमीटर रूट मिला था जोकि अब बढ़कर 1134 किलोमीटर तक हो गया है। रेलवे द्वारा आम्ब अंदौरा-दौलतपुरा चौक तक 16 किलोमीटर लंबे रूट को भी इलैक्ट्रिफाई कर लिया है। सीआरएस निरीक्षण के बाद जल्द यहां इलैक्ट्रिक ट्रेन चलाई जाएगी। इलेक्ट्रिफाई होने से रेल परिचालन बेहतर होता है। मंडल में अब केवल बठिंडा-श्रीगंगानगर सेक्शन इलेक्ट्रिफाई होना बाकी था जिस पर अब काम चल रहा है।
यह गाड़ियां की रद्द
अबोहर-फाजिल्का के बीच चलने वाली बठिंडा-फाजिल्का गाड़ी को 30 मार्च तक रद्द कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा बीकानेर-अबोहर गाड़ी भी 30 मार्च तक बंद रहेगी। उन्होंने बताया कि इस गाड़ी का आवागमन बीकानेर से बठिंडा तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अंबाला-श्रीगंगानगर इंटरसिटी 15 मार्च से लेकर 30 मार्च तक रद्द रहेगी। उधर, उम्मीद जताई जा रही है कि 31 मार्च के बाद इस सैक्शन पर इलैक्ट्रिक ट्रायल किया जाएगा, जिसके बाद यहां से इलैक्ट्रिक गाडियां दौड़ने लगेंगी, जिनकी रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा या से अधिक रहेगी। उधर, रेलवे ने सभी फाटकों पर ओवरलोड वाहनों की एंट्री बंद करने के लिए फाटक के दोनों तरफ गेट बना दिए है ताकि ओवरलोड वाहन यहां से न गुजर सकें। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रेलवे विभाग का लक्ष्य इस मार्ग पर मानव रहित फाटक करने का भी है, जिसके बाद यह काम भी शुरू हो जाएगा।
ज्यादा गर्मी में फेल हो जाते डीजल इंजन
इलैक्ट्रिफाई रूट से रेलवे को ट्रेनों के परिचालन में आसानी होती है। डीजल इंजन के अक्सर 45 डिग्री से अधिक तापमान पर फेल होने की आशंका रहती है। इसके अलावा डीजल इंजन को बदलने में करीब 20 मिनट का अतिरिक्त समय भी लगता है, डीजल से छोड़ा धुआं इको फ्रैंडली नहीं है और डीजल खर्च भी बढ़ता है। रेलवे तभी अपने रूटों को इलेक्ट्रिफाई कर इलेक्ट्रिक ट्रेन चला रही है, जिससे कम लागत में बेहतर परिचालन तक किया जा सकता है।
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