सरसा (सच कहूँ न्यूज)। 8 मार्च को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं। यह विभिन्न क्षेत्रों में सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक आर्थिक महिलाओं द्वारा निर्मित उपलिब्धयों का अवलोकन करता है। वहीं पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की बेटी ने अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ट्वीट कर कहा कि महिलाओं की विविधता ही उनकी असली ताकत है।
Women’s diversity is their real strength,
And it's what makes them go to any length!
So on this #WomensDay,
Let's celebrate all the women who pave
The brighter way for all the women out there!#IWD2023 pic.twitter.com/lDzVXXXuSG— Honeypreet Insan (@insan_honey) March 8, 2023
1910 में क्लारा जेटकिन नाम की एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखी थी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस या महिला दिवस, कामगारों के आंदोलन से निकला था, जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र ने भी सालाना जश्न के तौर पर मान्यता दी। इस दिन को खास बनाने की शुरूआत आज से 115 बरस पहले यानी 1908 में तब हुई, जब करीब पंद्रह हजार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में एक परेड निकाली। उनकी मांग थी कि महिलाओं के काम के घंटे कम हों। तनख़्वाह अच्छी मिले और महिलाओं को वोट डालने का हक भी मिले।
एक साल बाद अमरीका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का ऐलान किया। इसे अंतरराष्ट्रीय बनाने का खयाल सबसे पहले क्लारा जेटकिन नाम की एक महिला के जहन में आया था। क्लारा एक वामपंथी कार्यकर्ता थीं। वो महिलाओं के हक के लिए आवाज उठाती थीं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव, 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में कामकाजी महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दिया था।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।