डीजे पर बजा आशीर्वाद माओं का गीत
- कुआं पूजन करके समाज को दिया सकारात्मक संदेश
- इससे पहले भी परिवार में बेटियों के जन्म पर किए हैं कुआं पूजन
रोहतक (सच कहूँ न्यूज)। अपनी शादी में आठवें वचन के रूप में बेटी बचाने का संकल्प लेने वाले तैमूरपुर (जेठपुर) गाँव के तत्कालीन सरपंच विनोद कुमार मेहरा ने अब अपने जुड़वां बच्चों (बेटा-बेटी) का कुआं पूजन करके समाज को सकारात्मक संदेश दिया है। परिवार में बेटियों के जन्म पर कुआं पूजन की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने एक बार फिर से यह आयोजन कर बेटियों को सम्मान देने की अपनी सोच को और बड़ा किया है। तैमूरपुर गाँव के पूर्व सरपंच दंपत्ति विनोद कुमार मेहरा एवं सरपंच प्रत्याशी रहीं सुनीता देवी के यहां जुड़वां बच्चे पैदा हुए, जिसमें एक बेटा व एक बेटी है। दोनों बच्चों के जन्म से परिवार में खुशी का माहौल है। इस खुशी को समाज के साथ सांझा करने के लिए पूर्व सरपंच विनोद कुमार मेहरा व परिवार ने बेटा व बेटी का कुआं पूजन करके समाज को जागृत करने का बीड़ा उठाया।
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हालांकि इससे पहले भी परिवार में बेटियां पैदा होने पर खुशियां मनाई गई हैं। इस बार भी कुआं पूजन कार्यक्रम में नाचते हुए खुशियां मनाई गई। बकायदा ग्रामीणों, रिश्तेदारों को आमंत्रित करके प्रीतिभोज कराया गया। भगवान की आराधना, बड़े-बुजुर्गों के आशीर्वाद से और राजनीतिक, सामाजिक लोगों ने इस कुआं पूजन कार्यक्रम में शिरकत करके इस आयोजन को सराहा। उन्होंने लोगों से भी यह अपील की है कि हमें बेटियों को सम्मान देने के लिए घर और बाहर दोनों जगह एक जैसा होना चाहिए। हमें हर बेटी को उचित सम्मान देकर समाज में अच्छे उदाहरण पेश करने चाहिए।
कुआं पूजन समारोह में पहुंचे मार्केट कमेटी रोहतक के सचिव देवेंद्र कुमार ढुल, पूर्व सरपंच बिजेंद्र सिंह बल्लब, पूर्व सरपंच नरेश कुमार मसूदपुर, पूर्व सरपंच जयराज माड़ौदी जाटान, पूर्व सरपंच अमित कादयान काहनौर, पूर्व जिला पार्षद डॉ. राजेंद्र कुमार, जिला परिषद पार्षद प्रतिनिधि डॉ. बलबीर रंगा, वर्तमान ब्लॉक समिति चेयरपर्सन प्रतिनिधि एवं पूर्व सरपंच नीरज कुमार माड़ौदी रांगड़ान, लाहली से सरपंच प्रतिनिधि अशोक कुमार मल्होत्रा, शुगर मिल कमेटी मैंबर प्रवीन लाम्बा, गढ़ी गाँव से पूर्व सरपंच प्रतिनिधि श्रीभगवान, समाजसेवी प्रदीप ककराना, समाजसेवी मास्टर रामबीर ककराना ने बेटा-बेटियों को एक समान समझकर सामाजिक सरोकारों के वाहक बने परिवार को बधाई दी। सभी ने इस परम्परा को सराहा। सर्व समाज से ऐसी परम्परा को आगे बढ़ाने की अपील भी की।
पूर्व सरपंच विनोद कुमार मेहरा ने कहा कि बेटियों को सम्मान देना, उनको बेटों के बराबर समझना परिवार की परम्परा है। पहले भी ऐसा होता आया है भविष्य में भी बेटियों को सम्मान देने की इस परम्परा का निर्वहन किया जाता रहेगा। गांव की बेटियों को शिक्षा और संस्कार देने के लिए वे पक्षधर हैं। निजी स्कूल में शिक्षक रह चुके विनोद कुमार का कहना है कि बेटियों को दान-दहेज ना दे सकें तो कोई बात नहीं, लेकिन उन्हें शिक्षा देकर इस लायक बना दें कि समाज उन पर गर्व करे। शिक्षित बेटियों, समाज, देश में बदलाव ला रही हैं।
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