ऋषिकेश/देहरादून। उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में विश्व मोटापा दिवस पर संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि मोटापा भारत और दुनियाभर में एक गंभीर समस्या बन गया है।
मोटापे पर काबू पाना समय की मांग
विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया गया कि यह बीमारी मधुमेह मेलेटस, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, फैटी लिवर और कुछ कैंसर जैसे बढ़ते मामलों से बढ़ गई है। उन्होंने जोर दिया कि मोटापे पर काबू पाना समय की मांग है। यूथ 20 कंसल्टेंसी के तहत कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में विश्व मोटापा दिवस का एंडोक्रिनोलॉजी विभाग द्वारा आयोजन हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर (डॉ.) जया चतुर्वेदी ने किया। उन्होंने मोटापा कम करने के उपायों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आगाह किया कि जीवनशैली संबंधी विकार वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए एक गंभीर खतरा होगा। उन्होंने समस्या से निपटने की दिशा में की गई इस पहल एवं इस तरह के रोगी जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन की सराहना की।
कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों का संचालन एंडोक्रिनोलॉजी की सहायक प्रोफेसर डॉ. कल्याणी श्रीधरन और डॉ. विष्णु द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इसके तहत एंडोक्रिनोलॉजी, जीवनशैली चिकित्सा और समग्र चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा महत्वपूर्ण रही। जिसमें रामकृष्ण सेवाश्रम हरिद्वार के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर स्वामी दयाधिपानंद, एम्स ऋषिकेश में जरा चिकित्सा की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. मोनिका पठानिया, डॉ. नवदीप आहूजा और डॉ. किरणदीप कौर आदि विशेषज्ञ शामिल हुए।