बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा, जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) से आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से बच्चों के अच्छे पालन-पोषण में आ रही परेशानियों सहित विभिन्न सवालों के जवाब देकर अभिभावकों की जिज्ञासा को शांत किया। पूज्य गुरु जी ने अभिभावकों को बेहतरीन टिप्स और सुझाव दिए। आॅनलाइन सवाल आदरणीय ‘रूह दी’ हनीप्रीत इन्सां ने पढ़े।
सवाल: पूज्य पिता जी मम्मी-पापा लड़ाई करते हैं।
पूज्य गुरु जी : आप भगवान की भक्ति किया करो कि हे प्रभु! मेरे मम्मी-पापा को सद्बुद्धि बख्शो, शान्ति बख्शो। तो छोटे बच्चे की प्रार्थना भगवान जल्दी सुन लेते हैं बेटा।
सवाल। पूज्य गुरु जी मेरा बेटा बाहर वालों को ज्यादा अटेंशन देता है और अपने पेरेंट्स को कम प्रायोरिटी देता है। और बाहर वालों की बात ज्यादा सुनता है, हमारी बात नहीं सुनता है। तो उसको कोई आकर कहे कि तुझे घुमाने लेकर चलते हैं या कार में लेकर चलते हैं तो वो फटाफट उसके साथ चला जाता है। इस वजह से वो कई बार गुम भी हो चुका है, इसका क्या सॉल्यूशन है?
पूज्य गुरु जी : इसकी मुख्य वजह ये है कि आप दोनों में कोई उसको कम टाइम दे पाता है। क्योंकि बच्चा प्यार का भूख होता है। जब उसको वो चीज घर में नहीं मिल पाती तो वो उसे बाहर ढूंढता है। तो आप दोनों चाहिए कि अभी छोटा बच्चा है तो ज्यादा से ज्यादा उसको टाइम दें। जो चीज ये चाहता है और जायज है वो जरूर पूरी करें और नाजायज के लिए इसे रोकें। अगर आप दोनों का प्रोफेशन है तो एक तो कम से कम बच्चे के ऊपर फोकस करे, कि बच्चा कहीं बाहर न निकल जाए, क्योंकि बड़े शहरों में कुछ पता नहीं चलता।
तो बाकी चीजों को आप दोयम् जगह पर रखें, बच्चे को पहले नंबर पर रखें। कई बार होता है कि घर में काम धंधा होता है या चलो मैं थोड़े से कपड़े मशीन में डाल लूं, बच्चे को चलो फिर देख लूं। कपड़े बाद में मशीन में डालें, पहले बच्चे को देखा। उसको अंदर ले आओ, चिटकनी लगा दी या कुंडा लगा दिया, फिर आप चाहे कोई काम करते रहें। क्योंकि वो अंदर है, सेफ है। तो पहले आपकी प्रायोरिटी (प्राथमिकता) बच्चा होना चाहिए। ऐसा करेंगे तो ठीक हो जाएगा।
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