शगुन में लिया सिर्फ एक रुपया और नारियल
भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। अक्सर देखा जाता है कि शादी में इस बात की चर्चा अधिक रहती है कि लड़की कितना दहेज लेकर आई, बरातियों को क्या दिया? यह सब समाज में प्रतिष्ठा का विषय बन जाता है। इसके कारण कई बार रिश्तों में खटास आ जाती है। दहेज की इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए गांव हाजमपुर निवासी रामनिवास यादव ने मिसाल पेश की है, जिन्होंने अपने पुत्र सत्यप्रकाश की शादी बिना दहेज के सिर्फ एक रूपया व नारियल लेकर की। बता दें कि गांव हाजमपुर निवासी रामनिवास यादव ने अपने पुत्र सत्यप्रकाश का विवाह गांव दिनोद निवासी रमेश यादव की पुत्री कोमल के साथ तय किया था।
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कोमल का लालन-पालन उसके नाना के घर भुरटाना में हुआ था तथा उसकी नानी ने ही कन्यादान की रस्म भी निभाई थी। सत्यप्रकाश भी प्रदेश में सरकारी सेवा में है। लड़के पक्ष की तरफ से लड़की पक्ष के समक्ष दहेज न लेने की बात रखी गई, जिस सोच पर समारोह में मौजूद सभी लोगों ने दिल खोल कर तारीफ की तथा अपना आशीर्वाद दिया। इस दौरान सत्यप्रकाश ने समाज के समक्ष एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए टीका समारोह में एक रूपया व नारियल लेकर दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों पर प्रहार किया। इस मौके पर राष्ट्रीय सम्मान संस्था के संस्थापक नेत्रपाल तंवर ने कहा कि शादियों में दहेज की कामना रखने वाले लोगों को संदेश देने के लिए ये पहल की है। उन्होंने कहा कि बहू के रूप में कन्याधन की प्राप्ति होने के बाद दहेज कोई मायने नहीं रखता। इस अवसर पर सत्यप्रकाश व कोमल ने कहा कि उन्हें खुशी है कि शादी बिना दहेज के हुई है।
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