सच कहूँ/सुखजीत मान
बठिंडा। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनाई जीरो टालरैंस नीति के अंतर्गत पंजाब विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू की मुहिम के अधीन मंगलवार को मानसा की विशेष अदालत ने सहायक जिÞला खजाना अफसर मानसा गुरप्रीत सिंह और उसके एक साथी आत्मा सिंह निवासी कोटड़ा जिला मानसा को रिश्वतखोरी केस में सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई है।
आज यहां यह जानकारी देते हुए पंजाब ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता गुरजीत कौर निवासी मानसा कैंचियाँ, जिला मानसा ने विजीलैंस के पास शिकायत करके बताया था कि उसके पति हरिन्दर सिंह पटवारी की मौत हो जाने के उपरांत उसके वेतन सम्बन्धी बकाए का सात लाख रुपए का बिल पास करने के एवज में उपरोक्त सहायक जिÞला खजाना खजाना अफसर ने आत्मा सिंह निवासी कोटड़ा जिला मानसा के साथ मिलीभुगत करके 50 हजार रुपए रिश्वत की माँग की थी।
इस शिकायत पर कार्यवाही करते हुए विजीलैंस ब्यूरो ने जाल बिछाया और सहायक जिÞला खजाना अफसर और उसके साथी को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए 27 जुलाई 2015 को दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में गिरफ़्तार कर लिया था और दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के थाना बठिंडा रेंज बठिंडा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इस रिश्वतखोरी मुकदमे की पूरी तनदेही के साथ पैरवी करते हुए विजीलैंस ब्यूरो ने मुकदमे का चालान पेश करने के उपरांत गवाहियां मुकम्मल करवाई गई जिसके आधार पर आज विशेष अदालत के अतिरिक्त जिला और सैशन जज मनदीप सिंह ढिल्लों ने उक्त दोनों दोषियों को इस केस में सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई है। इसके उपरांत विजीलैंस ब्यूरो यूनिट मानसा की टीम की तरफ से दोनों दोषियों को जिला जेल मानसा में बंद करवाया गया।
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