भू-जल के गिरते स्तर को बचाने के लिए तेलंगाना मॉडल अपनाएगा पंजाब

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सच कहूँ/अश्वनी चावला
चंडीगढ़/हैदराबाद। राज्य में भूजल के स्तर को और गिरने से रोकने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस कीमती प्राकृतिक संसाधन के संरक्षण और राज्य में भूजल के रीचार्ज की रफ्तार तेज करने के लिए तेलंगाना मॉडल को अपनाने की संभावना तलाशने का ऐलान किया है।

सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ जल संसाधन के तेलंगाना मॉडल का विश्लेषण करने पहुँचे मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक क्रांतिकारी मॉडल है, जिसका मंतव्य भूजल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए पानी के रीचार्ज की रफ़्तार तेज करना है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने राज्य भर में भूजल को बचाने के लिए गाँवों में छोटे-छोटे डैम बनाए हैं। भगवंत मान ने कहा कि इसके नतीजे के तौर पर गाँवों में भूजल का स्तर दो मीटर तक ऊपर आ गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़िय़ों के लिए भूजल को बचाने के लिए इस मॉडल को पंजाब में लागू करना आज के समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस मॉडल के विश्लेषण का हमारा एकमात्र मकसद आने वाली पीढिय़ों के भले के लिए भूजल के गिरते स्तर को बचाना है। भगवंत मान को डैमों के दौरे के दौरान तेजी से घट रहे भूजल को बचाने की नई तकनीकों के बारे में भी अवगत करवाया गया। उन्होंने पानी बचाने और भूजल के स्तर को बढ़ाने के इस नए और अलग ढंग की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि तेलंगाना ने इस बहु-समर्थकीय रणनीति की मदद से भूजल के स्तर को ऊँचा उठाकर अपनी समूची सिंचाई प्रणाली की कायाकल्प की है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों में माइनर सिंचाई टैंकों (एम.आई.टी.) की बहाली, बड़े और दर्मियाने प्रोजैक्टों को एम.आई. टैंकों के साथ जोडऩा और कृत्रिम रिचार्ज ढांचे जैसे कि चैक डैम, परकोलेशन टैंक, रिचार्ज शाफ्ट और अन्य विधियों का निर्माण शामिल है। भगवंत मान ने आगे कहा कि हमारे किसानों के कल्याण और खुशहाली के लिए भूजल का सावधानीपूर्वक प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली को तेलंगाना के माहिरों की सलाह के साथ पंजाब में अपनाने की संभावना तलाशी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूजल के हो रहे दुरुपयोग के कारण पंजाब भर में पानी का स्तर तेजी से गिर रहा है। उन्होंने अफसोस जताया कि हमारे 150 ब्लॉकों में से 78 प्रतिशत से अधिक भूजल नीचे जाने के कारण डार्क जोन में हैं। भगवंत मान ने उम्मीद अभिव्यक्ति कि इस क्रांतिकारी विधि से पंजाब जल्द ही अपने भूजल को रिचार्ज करने के योग्य हो जाएगा।

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