संगरिया (सच कहूँ/सुरेंद्र जग्गा)। आधुनिकता के दौर में जहां लोग मोह, माया और स्वार्थ से वशीभूत होकर अपनों के साथ ही धोखाधड़ी से नहीं चूक रहे हैं। यहां पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलने वाले ऐसे भी लोग हैं जो गलती से अपने नाम हुई जमीन को उसके असली मालिक को वापस लौटा कर अपने सच्चे मुर्शिद-ए-कामिल के वचनों पर फूल चढ़ा रहे हैं।
ब्लॉक संगरिया के गांव ढाबां निवासी शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के जिम्मेवार भाई मेवा सिंह इंसा ने ईमानदारी का परिचय देते हुए इस बात को साबित कर दिया कि आधुनिक युग में भी ईमानदारी जिंदा है।
उन्होंने बताया कि 5 माह पूर्व संगरिया निवासी सुरेश कुमार से 5 बीजेपी ढाबां में एक बीघा जमीन मोल ली थी अब जब उस जमीन पर लिमिट बनाने के लिए ईमित्र केन्द्र पर गए तो वहां उनके नाम दो बीघा जमीन बोल रही थी पटवारी व अन्य अधिकारियों से जांच करवाई गई तो उनके नाम दो बीघा जमीन ही बोल रही थी ऐसे में प्रेमी भाई मेवा सिंह ने जमीन के मालिक को बुलाया और उसे सारी बात बताई यह बात सुनकर जमीन मालिक सुरेश कुमार घबरा गया लेकिन प्रेमी मेवा सिंह ने उसे कहा कि आप घबराए नहीं मैं आप की जमीन वापस लौटाने आया हूं इस प्रकार प्रेमी भाई ने सभी कागजी कार्यवाही पूर्ण करते हुए एक बीघा जमीन जिसकी कीमत लगभग 13 लाख है, जो उसके असली मालिक को लोटाकर ईमानदारी का परिचय दिया।
मेवा सिंह ने कहा कि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमें कठिन पश्रिम व मेहनत करके खाने की शिक्षा दी है, पराया हक खाना हमारे लिए हराम है। इस पर जमीन मालिक सुरेश कुमार ने मेवा सिंह व पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का लाख-लाख बार धन्यवाद किया।
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