बरनावा। सच्चे, रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा (यूपी) से अपने अमृतमयी वचनों की वर्षा करते हुए फरमाया कि मालिक के नाम में सुख है, आत्मिक शांति है, मालिक के नाम में तंदुरुस्ती है। मालिक के नाम में वो सब नियामतें हैं जो आपने कभी सोची भी नहीं होंगी। वो सब खुशियां हैं जिसकी आपने कभी कल्पना नहीं की होगी। क्योंकि राम, ओउम, हरि, अल्लाह, गॉड, ख़ुदा, रब्ब सब कुछ देने वाला है, सब कुछ बनाने वाला है, वो दया का सागर, रहमत का दाता है, अन्दर बाहर किसी को कोई कमी नहीं छोड़ता।
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आज हाथ को हाथ खाए जा रहा है। इस कलियुग में झूठ का बोलबाला है। जिधर मर्जी निगाह घुमा कर देख लो, झूठ, नफरत, ईर्ष्या, इगो, खुदी इतनी ज्यादा हाई होती जा रही है, इतनी ज्यादा बढ़ती जा रही है कि जरा सी बात के लिए लोग अपनों को भी नहीं बख्शते। हमनें सुना कि एक बच्चे को उसके माँ-बाप ने नशे के लिए पैसे देने से मना कर दिया। मना क्या कर दिया, दो बातें थी, एक कह रहे हैं कि मना कर दिया। दूसरे कह रहे थे कि बच्चे ने इतना खर्चा कर वा दिया कि उनके पास पैसा नहीं था। और उस बच्चे ने आव देखा न ताव उस घर में जो भी लाईसेंसी या अन्य हथियार था उससे अपनी माँ को भी मार दिया और बाप को भी मार दिया। जरा सोच कर देखिए 17 या 19 साल का बच्चा। तो ये नशा, ये इगो कहां जाकर रूकेगी, जब सब बर्बाद हो जाएगा तब।
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