बरनावा। यूपी के शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से रूहानी सत्संग फरमाया। इस अवसर पर देश-विदेश की साध-संगत ने आॅनलाइन ही पूज्य गुरु जी के अनमोल वचनों को श्रवण कर खुशियों से सराबोर हुई। पूज्य गुरु जी ने रूहानी सत्संग फरमाते हुए फरमाया कि जब आदमी ओम हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब से जुड़ जाता है या कोई उसका मुरीद कहलाता है तो उसके लिए जरूरी होता है कि वो काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, मन और माया पर कंट्रोल करना भी सीख लें। पता नहीं इनमें से कौन सा चोर कब दांव लगा जाए और आपके श्चासों रूपी पुंजी को लूट कर ले जाए।
पूज्य गुरु जी ने आगे इनको कंट्रोल करने के तरीकों के बारे में बताते हुए कहा कि इन चीजों को मुख्य रूप से जो कंट्रोल करने की पावर है वो सबके अंदर रहती है। वो पावर है आत्मबल, विल पॉवर। उस आत्मबल से आप उन तमाम विचारों को, तमाम बुरे ख्यालों को बदल कर असीम शांति हासिल कर सकते है। पीस आॅफ माइंड यानी दिमाग की शांति जहां पर होगी, सफलता उसके कदम जरूर चूमती है।
पूज्य गुरु जी ने कहा कि इंसान को हमेशा खुश और मुस्कुराते हुए रहना चाहिए। क्या यह गृहस्थ जिदंगी में संभव है? यहां कलह क्लेश कब शुरू हो जाए, पता ही नहीं चलता, दाल रोटी के लिए झगड़ा, कपड़े लत्ते के लिए झगड़ा, बाल बच्चे के पीछे झगड़ा और सबसे बड़ा झगड़ा ईगो का झगड़ा है। जिससे झगड़े शुरू हो जाते है। इसलिए गृहस्थ जिंदगी को दूसरे शब्दों में समझौता भी कहते है। आज के समय में अगर एक गुस्से में है तो दूसरे को चाहिए कि वो शांतमय तरीके से उसकी बात सुन लें और उसे पानी पिलाए और जब वह ठंडा हो जाए तो उससे बात करें और उसे समझाए।
अगर दोनों ही भड़क गए तो लड़ाई-झगड़े और ज्यादा बढ़ता है। जिस प्रकार दो तारों को आपस में टकरा दें तो जिंगारी निकलती है और जिंगारी घर को तबाह कर देती है। क्योंकि गुस्से में आदमी को खुद ही पता नहीं चलता कि वह क्या बोल गया। इसलिए कंट्रोल करना सीखों। जब इंसान उत्तेजना की ओर जाता है तो सिमरन करें और पानी जरूर पिए। यकीन मानों ऐसा करने से 50 परसेंट कंट्रोल उसी समय आ जाएगा।
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