- चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद : आरबीआई
- चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद : आरबीआई
- वित्त वर्ष 2023-24 में वास्तविक जीडीपी विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद : आरबीआई
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई को लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य से आज लगातार छठवीं बार नीतिगत दरों में बढोतरी की जिससे घर, कार और अन्य ऋण अब और महंगे हो जायेंगे। आरबीआई ने गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति की बुधवार को समाप्त हुयी तीन दिवसीय बैठक के बाद यह घोषणा की। दास ने घोषणा करते हुये कहा कि अक्टूबर 2022 के बाद दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई में तेजी से नरमी आयी है, जो विशेषकर खाद्य पदार्थाें की कीमतों के घटने से हुआ है।
उन्होंने कहा कि छह सदस्यीय समिति में से चार सदस्यों ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढोतरी किये जाने के पक्ष में मतदान किया जबकि दो ने इसके विरोध में। इस तरह से बहुमत के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही समिति ने विकास को गति देने तथा महंगाई को लक्षित दायरे में बनाये रखने के पक्ष में ये निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि मध्यावधि में विकास को गति देते हुये खुदरा महंगाई को चार प्रतिशत के लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ ही डॉ. शशांक भिड़े, डॉ राजीव रंजन और डॉ. माइकल देबब्रत ने रेपो दर में बढोतरी और समायोजन की नीति को वापस लेने का पक्ष लिया जबकि डॉ. असीमा गोयल और प्रो. जयंत आर. वर्मा ने इसके विरोध में मतदान किया।
काेरोना महामारी के बाद रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में करने के उद्देश्य से लगातार छठवीं बैठक में रेपो दर में बढोतरी की है। इससे आम लोगों के लिए घर, कार और अन्य प्रकार के ऋण अब महंगें हो जायेंगे क्योंकि अब तक जितनी बार रेपो दर में बढोतरी की गयी है बैंकों ने इसका भार उपभोक्ताओं पर डाला है।
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