रोहतक (सच कहूँ न्यूज)। सुनो नहरों की पुकार मिशन के मुख्य संरक्षक डॉ. जसमेर सिंह ने कहा कि कुएं, जोहड़ और तालाब जो पेयजल का स्त्रोत होते थे, अब लगभग समाप्ति की कगार पर हैं। इसलिए हमें पेयजलदायिनी नहरों, नदियों के जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए आगे आना होगा। वे सोमवार को छोटूराम मेमोरियल पब्लिक स्कूल में विद्यार्थियों को नहरों में बढ़ते जल प्रदूषण के बारे में जागरूक कर रहे थे।
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उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन पेयजल की समस्या गम्भीर होती जा रही है। पेयजल के स्त्रोत जोहड़, तालाब और कुएं सब समाप्ति की और हैं तथा जमीनी पानी भी पीने योग्य कम ही बचा है। अब केवल पेयजल का एकमात्र स्त्रोत नहरें बची हुई हैं, लेकिन अंधविश्वास के नाम पर नहरों में प्लास्टिक व अन्य अपशिष्ट सामान डालकर इसको दूषित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यही हाल रहा तो आने वाले समय में पीने के लिए पानी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक से प्रदेश के हर जिले के गाँवों से कुएं, जोहड़ व तालाब अब लगभग समाप्त हो चुके हैं। अत: लोगों को समय रहते पानी की स्वच्छता और निर्मलता के लिए आगे आना होगा। इस दौरान विद्यार्थियों को शपथ दिलवाई गई कि हम किसी भी प्रकार से नहरों, नदियों के पानी को किसी प्रकार से प्रदूषित नहीं करेंगे और पानी को बचाने के लिए भी हर संभव प्रयास करेंगे। इस मौके पर स्कूल के स्टाफ सदस्य व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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