- शीत लहर ने थामी रफ्तार, घरों में दुबके लोग, बाजार पर भी दिखा असर
- परिवहन पर पड़ा असर, एक सप्ताह में हो सकती है बारिश
JaiPur, Agency: जयपुर सहित पूरे राजस्थान में शनिवार सुबह कोहरा छाया रहा। कोहरे के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। कोहरे से रेल, सड़क और हवाई यातायात पर असर पड़ा है। एक ओर जहां ओस गिरने से किसान खुश हैं वहीं ठंड बढ़ने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जयपुर का तापमान शनिवार सुबह 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शुक्रवार को दिन का तापमान 24 डिग्री रहा था। जयपुर में भी सुबह कोहरा छाया रहा। कोहरे का असर सांगानेर, आगरा रोड जैसे बाहरी इलाकों में अधिक रहा। जयपुर में चारदीवारी सहित शहर के भीतर हल्का कोहरा रहा। सर्द हवा चलने से वातावरण में गलन का अहसास बढ़ गया है। देर तक कोहरा छाये रहने से चालक वाहन भी हैड लाइट जलाकर गुजरे।
क्या बोला मौसम विभाग
मौसम विभाग के अनुसार पांच जनवरी तक राजस्थान में बारिश हो सकती है। उत्तर भारत में बने चक्रवातों के कारण कश्मीर हिमाचल से निकली बर्फीली हवाओं से प्रदेश में ठंडा बढ़ी है। मौसम विभाग अन्य मौसम एजेंसियों के अनुसार जम्मू-कश्मीर गुजर रहे पश्चिमी विक्षोभ के चक्रवात से यह स्थिति पैदा हुई है। इससे उत्तर-भारत के बर्फबारी वाले राज्यों से ठंडी हवाओं में तेजी गई। अगले दो-तीन में ये चक्रवात अन्य इलाकों में भी बर्फबारी बारिश के हालात पैदा कर सकते हैं, उसके बाद सर्दी में और इजाफा होगा।
उत्तर भारत में छाए कोहरे का असर हवाई, रेल और सड़क परिवहन पर पड़ा है। कोहरे के कारण उत्तर-पश्चिम रेलवे की ट्रेनें देरी से चल रही हैं। कुछ का समय बदला गया है तो कुछ ट्रेनों को रद्द भी किया गया है। कोहरे के कारण वाहन चालक बेहद जरूरी होने पर ही सड़क पर आए। कोहरे के कारण वाहनों की रफ्तार काफी धीमी रही। कोहरे से जयपुर में कई उड़ानें देसी से पहुंच रही हैं।
सबसे ठंडा रहा सीकर
राजस्थान में ठंड का असर सबसे ज्यादा सीकर में रहा। सीकर के फतेहपुर स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र पर शनिवार को न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री दर्ज किया गया।
ओस गिरने से फसलों को फायदा
बारां (सच कहूँ न्यूज)। मौसम के करवट लेने के साथ तापमान में कमी आने से किसानों के चेहरे खुशी से दमकने लगे हैं। तापमान में कमी आने और सर्दी में तेजी से रबी की फसलों को काफी लाभ होगा। अभी रबी की फसलें अंकुरित हो रही हैं। बारां जिले में करीब साढ़े तीन लाख हैक्टेयर बीघा में रबी की फसल की बुवाई की गई है। इनमें से सबसे अधिक करीब डेढ़ लाख हैक्टेयर में गेहूं की फसल की बुवाई की गई है। वहीं तापमान में तेजी होने से बढ़वार पर असर पड़ रहा था। फसलें जिस तरह से बढ़नी चाहिए, वैसी नहीं बढ़ रही थी। खेतों की नमी कम हो रही थी और फसलों को पानी जल्द देना पड़ रहा था। अब दो दिनों से कोहरा भी हो रहा है। फसलों पर ओस भी गिरने लगी है। इकलेरा के किसान देशराज बैरवा ने बताया कि मौसम के बदलने से खासतौर से गेहूं, लहसुन, चना और सरसों की फसल को काफी लाभ होगा। दिसंबर के चौथे सप्ताह तक भी तापमान में हो रही तेजी के कारण काफी मायूसी हो रही थी। दो दिन से तेज सर्दी पड़ने से अब फसलों को कोई नुकसान नहीं होगा। न्यूनतम तापमान भी 11 डिग्री सेल्सियस रह गया है।
फसलों को कम पड़ेगी पानी की जरूरत
मौसम में बदलाव तापमान में गिरावट के बाद लगातार ओस गिरने से अब फसलों को पानी की भी कम जरूरत पड़ेगी। दौसा में किसान अजय चौधरी, दूरदर्शी जैन ने बताया कि बढ़े तापमान से काफी नुकसान हो रहा था। अब खेतों में एक बार फसलों को पानी देने के बाद लंबे समय तक पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन धनिया करने वाले किसानों को जरूर सावधानी की आवश्यकता है।