नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में कृषि एवं किसान कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।
तोमर ने बजट में किसानों के साथ ही गरीब और मध्यम वर्ग, महिलाओं से लेकर युवाओं सहित समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास का समावेश करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त किया है। तोमर ने कहा कि बजट से छोटे किसानों को लाभ होगा, वहीं प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि के अनुरूप बजट में कृषि को आधुनिकता से जोड़ते हुए प्रौद्योगिकी के जरिये कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया है ताकि किसानों को दीर्घकाल तक व्यापक लाभ मिलें।
कृषि ऋण लक्ष्य बढ़ाया
तोमर ने बताया कि कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान सहित कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का कुल बजट इस बार लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का है। इसमें मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के लिए 60 हजार करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से काफी लाभ पहुंचा है। इन किसान भाइयों-बहनों को इसी तरह सतत लाभ मिलता रहें, इसके लिए इस बार 23 हजार करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है, वहीं पशुपालन, डेयरी पर भी ध्यान देते कृषि ऋण लक्ष्य बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रु. किया गया है। मोदी सरकार द्वारा डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन प्रारंभ किया गया है, जिसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से 450 करोड़ रु. तथा टेक्नालाजी द्वारा कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के संबंध में लगभग 600 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है।
प्राकृतिक खेती पर जोर
तोमर ने बताया कि प्राकृतिक खेती को जन-आंदोलन का स्वरूप देने के लिए प्रधानमंत्री ने पहल की, जिसे बढ़ावा देने के लिए 459 करोड़ रु. का प्रावधान किया है। 3 साल में प्राकृतिक खेती के लिए 1 करोड़ किसानों को सहायता दी जाएगी, जिसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसर्च सेंटर्स खोले जाएंगे। छोटे-मझौले किसानों को एफपीओ के जरिये संगठित करते हुए उन्हें खेती-किसानी से संबंधित सभी सुविधाएं मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 10 हजार नए एफपीओ बनाए जा रहे हैं। ये एफपीओ छोटे-मझौले किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है, जिसका लाभ इन किसानों को मिलने लगा है।
आगे भी यही गतिशीलता बनी रहें, इसके लिए नए एफपीओ के गठन के संबंध में 955 करोड़ रु. का बजट प्रावधान इस साल किया गया है, वहीं किसानों के लिए हितकारी कृषि इंफ्रा फंड व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में है, जिसके लिए बजट बढ़ाकर 1623 करोड़ रु. प्रावधान किया गया है
। तोमर ने बताया कि कृषि से जुड़े स्टार्टअप को प्राथमिकता दी जाएगी। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष स्थापना किया जाएगा, जिसके लिए 5 साल हेतु 500 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। मिलेट्स को अब श्रीअन्न के नाम से जाना जाएगा। श्रीअन्न को लोकप्रिय बनाने के कार्यक्रमों में भारत सबसे आगे है। भारतीय मिलेट्स अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद को उत्कृष्ता केंद्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी श्रेष्ठ कार्य कर सकें। उद्यानिकी क्षेत्र के विकास के लिए बजट बढ़ाकर 2,200 करोड़ रु. किया है।
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