रूमाल छू पुरुष वर्ग में पंजाब तो महिलाओं में हरियाणा ने मारी बाजी
- हरियाणा के पुरुष रस्सा कस्सी व दस्त पंजा में महिलाएं जीती
- हाथों के बल पैर ऊपर उठाकर 101 किलो वजन उठाकर विकास इन्सां ने दिखाई प्रतिभा
बरनावा। (सच कहूँ न्यूज) मुसीबत की घड़ी में जरूरतमंदों की मदद करने के लिए पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा बनाई गई शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग का स्थापना दिवस उत्तर प्रदेश के बरनावा स्थित शाह सतनाम जी आश्रम में बड़ी धूम-धाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस कार्यक्रम का शाह सतनाम जी धाम सिरसा में लाइव प्रसारण हुआ। जहां पर बड़ी संख्या में सेवादारों ने इसी देखा। स्थापना दिवस को समर्पित चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले शुक्रवार को पूज्य गुरु जी की पावन उपस्थिति में खेले गए।
यह भी पढ़ें:– दस्त पंच में हरियाणा की महिला टीम ने मारी बाजी
इस प्रतियोगिता में रूमाल छू (महिला-पुरुष), रस्सा कस्सी (पुरुष), दस्त पंजा (महिला) के मुकाबले करवाएं गए। पुरुष वर्ग में रूमाल छू का फाइनल मुकाबला पंजाब व राजस्थान के बीच हुआ। जिसमें पंजाब की टीम विजेता बनी। इसी प्रकार महिलाओं के रूमाल छू प्रतियोगिता में हरियाणा ने पंजाब को 65-36 के अंतर से हराया। पुरुष वर्ग में रस्सा कस्सी का फाइनल मुकाबला हरियाणा व उत्तर प्रदेश की टीमों के मध्य खेला गया। जिसमें हरियाणा की टीम विजेता बनी। महिलाओं की दस्त पंजा का निर्णायक मुकाबला हरियाणा की वीना और पंजाबी की संदीप के बीच हुआ।
जिसमें हरियाणा की वीना विजयी हुई। पैर ऊपर उठाकर हाथों के बल दांतों से भार उठाना की प्रतियोगिता भी कराई गई। जिसमें विकास इन्सां ने 101 किलोग्राम वजन उठाकर अपना दम दिखाया। वहीं उनके 14 साल के बेटे आदित्य इन्सां ने 51 किलोग्राम व उनके ही तीसरे बेटे 9 साल के अनमोल इन्सां ने 21 किलोग्राम भार उठाकर अपना प्रतिभा का लोहा मनवाया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर पूज्य गुरु जी ने विजेता टीमों को ट्राफी देकर सम्मानित किया। वहीं अलग-अलग राज्यों ने अपनी-अपनी टीमों को नगद पुरस्कार देकर उनका हौसला बढ़ाया।
बता दें कि पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा देश-विदेश में आने वाले प्राकृतिक आपदाओं में जरूरतमंदों की मदद करने के लिए साल 2001 में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग की स्थापना की। जिसके विदेशों सहित देशभर में लाखों सेवादार हो चुके है। यह सेवादार अपनी जान पर खेलकर लोगों की जिंदगी बचाते है। इन सेवादारों की शारीरिक चुस्ती व फुर्ति के लिए ये खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। पांच साल बाद हो रही इन खेल प्रतियोगिताओं को लेकर खिलाडिय़ों में काफी उत्साह देखा गया हैं और सभी खिलाडिय़ों ने इसके लिए पूज्य गुरु जी आभार भी जताया है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।