वर्ष 2013 में शामली में हुए बवाल के मामले में आया फैसला, कैराना स्थित एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट में विचाराधीन था मामला
कैराना। (सच कहूँ न्यूज) कोर्ट ने वर्ष-2013 में शामली में हुए बवाल के मामले में प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे सुरेश राणा समेत तीन आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। उधर, पूर्व मंत्री ने कोर्ट के फैसले को न्याय की जीत बताया है।
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वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रह्मपाल सिंह चौहान तथा शगुन मित्तल एडवोकेट ने बताया कि वर्ष-2013 में शामली में उत्तराखंड राज्य की एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। घटना के विरोध तथा आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए राज्य सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा समेत अनेकों लोगो ने शामली स्थित शिवचौक पर धरना-प्रदर्शन किया था। उक्त मामले में पुलिस ने पूर्व मंत्री समेत कई लोगो के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। विवेचक ने मामले की जांच करने के बाद आरोप-पत्र कोर्ट में दाखिल किया।
यह मामला कैराना स्थित एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट में विचाराधीन था। मंगलवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के तर्क-वितर्क सुनने तथा पत्रवालियों के अवलोकन के पश्चात अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा पूर्व मंत्री सुरेश राणा समेत अन्य अभियुक्तों पर लगाए गए आरोपो को साक्ष्यों के अभाव में खारिज करते हुए उन्हें दोषमुक्त करार दे दिया। वही, पूर्व मंत्री सुरेश राणा ने कोर्ट के फैसले पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसे न्याय की जीत बताया।
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