सरसा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से फरमाया,‘ जैसा आप कई दिनों से सुने जा रहे हैं, एक जनवरी से सतगुरु मौला के गुणगाण साध-संगत देश-विदेश में सब जगह पर गा रही है। क्योंकि ये महीना नया साल ही नहीं नये युग को भी लेकर आया है। कलियुग में एक ऐसा युग यहां प्यार, मोहब्बत नि:स्वार्थ भावना से कैसे किया जाता है। सच्चा प्यार मोहब्बत ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु राम का कैसे हासिल होता है।
जिंदगी जिने में मजा कैसा है और कैसे संतुष्टि के साथ तमाम खुशियों को हासिल करके भी अहंकार न आये, ये कैसे पॉसिबल है, ये सिखाने वाला इस जनवरी के महीने में आये और उस सच्चे दाता रहबर के अवतार महीने को एक जनवरी से मनाती हुई साध-संगत आज उनके अवतार दिन के नजदीक पहुंच गई है। और अवतार दिन की इस पूर्व दोपहर कहेंगे जो आज हो चुकी है और इस पूर्व दोपहर को आपको बहुत-बहुत बधाई देते हैं। आशीर्वाद कहते हैं। शाह सतनाम रहबर हमारे मालिक वालि दो जहान इस धरा पर आए उनके अवतार दिन से बस कुछ घंटे कह लो पहले की ये बात है और कल वो दिन मनाया जाएंगे जिसके लिए संगत बेताब रहती है, देश विदेश से साध-संगत आती है। सरसा में कल 11 बजे भंडारा शुरू हो जाना है।
सबने जैसे-जैसे सेवादार भाई बताये उस पे अमल करना है। उसको मानना है। ताकि बेपरवाह जी की वो तमाम खुशियां जो समुंदरों के रूप में आपकी झोली में आने वाली है। उसे आप समेट सके और बात सच्चे दाता की अल्फाजों में वो दम नहीं जो उनके रहमोकर्म का वर्णन कर सके। जुबां पे वो ताकत नहीं जो उनके गुणगान गा सके। कलम में वो हिम्मत नहीं जो उनकी अपरमपार लीला का पार पा सके और किसी के दिमाग में वो शक्ति नहीं जो उनके रहमोकर्म को पहचान सके। जिन पर उनकी दया मेहर रहमत होती है, जो दृढ़ यकीन करता है, उन्हीं को वो नजारे समझ में आते है।
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