शाह मस्ताना जी महाराज द्वारा रोपा गया एक छोटा सा पौधा बना वटवृक्ष
- जिसकी छत्रछाया में करोड़ों लोगों की खुशहाल हुई जिंदगी
- ऐसे सच्चे संत को, सच्चे रहबर को, लाख-लाख बार शुक्रिया, करोड़ों करोड़ों बार नमन !
शाह मस्ताना जी महाराज ने सन 1948 में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की । शाह मस्ताना जी महाराज ने एक छोटी सी कुटिया बनाकर वहां रहने लगे आसपास और दूरदराज क्षेत्रों में सत्संग लगाकर बहुत से जीवो को नाम दान से जोड़ कर उनकी बुराइयां छुड़वाई । सच्चे साईं , सच्चे रहबर साध को अपने मुखारविंद वचनों से निहाल करते रहते और अनेक खेल भी खेलते रहते । कोई भी सत्संगी उनके इन खेलों को नहीं समझ पाता । सच्चे साईं साध संगत में खूब सोना चांदी बांटते और कपड़े भी बांटते लेकिन खुद पैबंद लगे कपड़े पहनते । किसी सत्संगी ने एक बार सवाल किया कि हे सच्चे साईं आप खुद पैबंद लगे कपड़े पहनते हो और दुनिया में सोना चांदी और कपड़े बांटते हो ।
उसके सवाल का जवाब देते हुए सच्चे साईं ने अपने पवित्र मुखारविंद से फरमाया वरी चिंता ना कर एक समय ऐसा आएगा जब हम बदल – बदल कर हर रोज नए-नए वस्त्र पहना करेंगे । पूजा बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने हजारों जीवो को नाम दान से जोड़कर उनकी जिंदगी को खुशहाल किया । फिर दूसरी पातशाही परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के रूप मैं उन्होंने चोला बदल लिया । दूसरी पातशाही शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने हजारों सत्संग लगाकर लाखों जीवो को नाम दान देकर भवसागर से पार किया । परम पिता जी ने अपने पवित्र मुखारविंद से किए गए वचन आज भी ज्यों के त्यों पूरे हो रहे हैं ।
परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने अपने पवित्र मुखारविंद से वचन किए हम ही लिखेंगे , हम ही गाएंगे । परम पिता जी द्वारा किए गए यह वचन आज हजूर पिता जी के रूप में जो के त्यों पूरे हो रहे हैं । पूज्य हजूर पिता संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा ने सैकड़ों भजन खुद ही लिखे हैं । उनको कंपोज भी खुद ही करते हैं । खुद ही बजाते हैं और खुद ही गाते हैं । पूज्य हजूर पिता जी द्वारा गाए गए भजन साडी नित दिवाली , जागो दुनिया दे लोको , ने दुनिया को अपना दीवाना बना दिया । जागो दुनिया दे लोको भजन को सुनकर नशा करने वाले बहुत से लोग अपने नशा छोड़ चुके हैं । जागो दुनिया दे लोको एक क्रांतिकारी भजन सिद्ध हो रहा है।
पूज्य हजूर पिता जी अपने पवित्र मुखारविंद से वचन फरमाते हैं कि हमारा एक – एक पल और पूरी जिंदगी मानवता भलाई के कार्यो के लिए समर्पित है । हम अपनी पूरी जिंदगी पूरा जीवन मानवता भलाई के कार्यों के लिए साध संगत को प्रेरित करते रहेंगे । पूज्य हजूर पिता जी की रहनुमाई में डेरा सच्चा सौदा एक ऐसा वट वृक्ष बन गया है जिसकी छत्रछाया में लाखों युवा नशा छोड़ कर अपनी खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं । इतना ही नहीं करोड़ों युवाओं ने अपनी बुराइयां छोड़कर कर हजूर पिता जी से नाम दान लेकर खुशहाली से अपनी जिंदगी महक आ रहे हैं । ऐसे सच्चे संत को , सच्चे रहबर को , लाख-लाख बार शुक्रिया , करोड़ों करोड़ों बार नमन ।
-प्रस्तुति – कुलदीप स्वतंत्र
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