सरसा। आॅनलाइनगुरुकुल कार्यक्रम में पूज्य गुरु जी का रूहानी सत्संग समाज पर किस कदर अनुकूल प्रभाव डाल रहा है इसकी बानगी पेश करता है गांव लक्कड़ावाली, जिला सरसा का रहने वाला दर्शन सिंह संधू। दर्शन सिंह बताता है कि मैं युवावस्था में ही नशे व गलत आदतों का शिकार हो गया था। कच्ची शराब व पोस्त का सेवन करने के साथ-साथ नशा बेचने का भी धंधा करता था। इसके अलावा सट्टे व जुए जैसी काफी गलत आदतें भी लग गई थी। मेरी इन आदतों के चलते पत्नी अमरजीत कौर भी काफी परेशान रहने लगी थी। खुद की करीब छह एकड़ भूमि थी, लेकिन हर समय शराब व अन्य नशे के चलते घर में इतनी आर्थिक तंगी आ गई कि जमीन भी गिरवी रखनी पड़ी। मेरी पत्नी अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर दूसरों के खेतों में मजदूरी करने को विवश हो गई थी।
लेकिन दर्शन सिंह की पत्नी अमरजीत कौर ने धैर्य का दामन नहीं छोड़ा। उसने डेरा सच्चा सौदा में जाकर स्वयं पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से गुरुमंत्र लिया। पूज्य गुरुजी के वचनानुसार अमरजीत कौर जब भी घर में खाना बना तो उस दौरान सुमिरन करती रहती।
कुछ दिनों बाद दर्शन सिंह के विचारों में भी बदलाव महसूस होने लगा। अमरजीत कौर ने अपने पति को यह कहते हुए सत्संग सुनने के लिए भेज दिया कि यदि उसे उचित लगे तो गुरुमंत्र ले लेना। पूज्य गुरु जी की दया-मेहर हुई जिससे दर्शन सिंह ने नाम-शब्द ले लिया और भविष्य में नशे छोड़ने का दृढ़ निश्चय कर लिया, उसी दिन घर आकर दर्शन सिंह ने शराब बनाने का सामान घर से बाहर फेंक दिया और सभी गलत आदतें छोड़कर अभ्यासी जीव बन गया। जिक्र योग्य है कि दर्शन सिंह को नशा व गलत आदतें छोड़कर भक्ति मार्ग पर चलते देख पूरा गांव अचंभित था। जिसे लोग कभी शराब का ठेकेदार कहकर बुलाते थे वे अब उसे दर्शन प्रेमी के नाम से पुकारने लगे। डेरा सच्चा सौदा से जुड़ने के बाद उसकी आर्थिक स्थिति में भी तेजी से सुधार हुआ।
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