मेडिकल रिसर्च के काम आएगी जोगिन्द्र इन्सां की पार्थिव देह
- नेशनल केपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस मेरठ को की दान
- बेटों ने पूरी की पिता की देह दान की इच्छा
ओढां (सच कहूँ/राजू)। एक वो समय था जब लोग शरीरदान तो क्या नेत्रदान करने से भी हिचकिचाते थे। ऐसे में मेडिकल शोध कार्यों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षार्थियों को मृत देह के अभाव में काफी परेशानी आड़े आ रही थी। ऐसे में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए बड़ी संख्या में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी आगे आए और प्रतिज्ञा पत्र भरते हुए ये प्रण लिया कि उनकी मृत देह इंसानियत हित में शोध कार्यों हेतु दान कर दी जाए। इस मुहिम ने मेडिकल कॉलेजों की शोध की राह को ऐसा आसान बनाया कि मेडिकल कॉलेज डेरा सच्चा सौदा का आभार व्यक्त कर रहे हैं।
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गत दिवस इस मुहिम में एक नाम और शामिल हुआ रोड़ी निवासी जोगिंद्र सिंह इन्सां का। उनकी मृत देह को इलाही नारों के बीच फूलों से सजी गाड़ी में मेरठ के लिए रवाना कर दिया गया। 65 वर्षीय जोगिंद्र इन्सां वीरवार देर सायं सचखंड जा विराजे। जोगिंद्र सिंह ने पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम शब्द लिया था। उनके बेटे जगसीर इन्सां ने बताया कि उनके पिता ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए मरणोपरांत शरीरदान करने के लिए प्रतिज्ञा पत्र भरा था। उन्होंने कुछ दिनों पूर्व ही अपने प्रतिज्ञा पत्र का स्मरण करवाते हुए कहा था कि उनके मरणोपरांत उनकी मृत देह मेडिकल शोध कार्यों हेतु दान कर दी जाए। इसी के चलते उन्होंने अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा किया।
वीरवार देर सायं जोगिंद्र इन्सां ने सुमिरन किया जिसके बाद अचानक हृदय गति रुकने से वे सचखंड जा विराजे। सचखंडवासी के पुत्र गुरबख्श इन्सां, हरबंस इन्सां व जगसीर इन्सां ने अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूर्ण करते हुए शुक्रवार को उनकी मृत देह नेशनल केपिटल रीजन इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंस मेरठ को दान कर दी। इससे पूर्व उनकी आंखें भी दान की गर्इं। इस अवसर पर ब्लॉक रोड़ी व श्री जलालआणा साहिब की कमेटी मौजूद रही। जोगिंद्र इन्सां को रोड़ी के चौथे शरीरदानी के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा।
फूलों से सजी गाड़ी में दी भावभीनी विदाई
जोगिंद्र इन्सां को अंतिम विदाई देने हेतु शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सदस्य, साध-संगत, गणमान्य लोग व काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। साध-संगत ने ‘सचखंडवासी जोगिंद्र इन्सां अमर रहे’ के नारे लगाकर व सैल्यूट कर उनकी मृत देह को फूलों से सजी गाड़ी में भावभीनी विदाई दी। बेटा-बेटी एक समान मुहिम के तहत उनकी अर्थी को कंधा उनकी बेटी अमनदीप कौर इन्सां, बहन गुरमीत कौर इन्सां, पुत्रवधू हरमनदीप कौर इन्सां, रमनदीप इन्सां व गुरमेल कौर इन्सां ने दिया। जोगिंद्र इन्सां की शव यात्रा विभिन्न जगहों से होकर गुजरी। जहां बस स्टैंड से उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
जोगिंद्र सिंह के परिजनों ने उनका शरीरदान कर अति उत्तम कार्य किया है। मरने के बाद तो शरीर को जला ही देना होता है। ऐसे में जोगिंद्र सिंह के परिजनों ने उच्च सोच अपनाते हुए समाज की परवाह किए बिना जो महान कार्य किया है उसके लिए मैं पूरी पंचायत की तरफ से सराहना करता हूं। समाज में ऐसे उदाहरण बहुत कम देखने को मिलते हैं। देह दान से न केवल मेडिकल के विद्यार्थियों को शिक्षा में मदद मिलेगी बल्कि समाज में भी जागृति आएगी।
– दर्शन सिंह, सरपंच।
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