हरियाणा में बजट का 34.5 प्रतिशत हिस्सा हो रहा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च
- विकास कार्यों के लिए फंड की कमी न हो, इसके लिए मीडियम टर्म एक्सपेंडिचर रिजर्व फण्ड बनाया
गुरुग्राम(संजय कुमार मेहरा)। राज्य सरकार सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया पर काम कर रही है। इस वर्ष गुप सी की 35 हजार और गु्रप डी की 15 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। इसके अलावा केंद्र सरकार भी बड़े स्तर पर भर्तियां करने जा रही है जिसका लाभ हरियाणा के युवाओं को भी मिलेगा। यह बात मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गांव धनवापुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में कही। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वित्तमंत्री के रूप में हमने अपने बजट का नियोजन सही किया है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे बजट का 34.5 प्रतिशत हिस्सा कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो रहा है। उन्होंने कहा कि हर विभाग का एक निश्चित बजट होता है, हालांकि कभी-कभी वित्त वर्ष के अंत में कुछ विभागों का बजट बच भी जाता है और विकास कार्यों के लिए किसी भी प्रकार के बजट की कमी ना आये, इसके लिए हमने एक नई पहल करते हुए मीडियम टर्म एक्सपेंडिचर रिजर्व फण्ड बनाया है। इसी प्रकार एक और नई पहल करते हुए गांवों और शहरों में भी विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए ग्राम दर्शन एवं नगर दर्शन पोर्टल शुरू किया है जिन पर नागरिक अपने इलाके की आवश्यकताओं के अनुसार विकास कार्यों की मांग पोर्टल पर कर सकते हैं।
चुने हुए नए जन प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्रों में नागरिकों द्वारा दर्ज की गई विकास कार्यों की मांग को प्राथमिकता अनुसार सरकार तक पहुंचा सकते हैं। अभी हाल ही में पंचायतों के चुनाव सम्पन्न हुए हैं और नए जन प्रतिनिधि छोटी सरकार के रूप में चुनकर आये हैं। अब सरपंच 2 लाख रुपये तक के कार्य कोटेशन के आधार पर कर सकेंगे। कामों में पारदर्शिता रहे, इसके लिए सरकार ने इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल भी बनाया है जिसके माध्यम से ऐसे सभी कार्यों की प्रशासनिक, वित्तीय व तकनीकी मंजूरी आॅनलाइन मिलती है। अब जनता भी इन कामों पर निगरानी रख सकती है।
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में काफी हद तक सफल
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में एक पूर्व प्रधानमंत्री, जिनका स्वर्गवास भी हो चुका है, कहा करते थे कि केंद्र सरकार से एक रुपया भेजा जाता है तो उसमें से केवल 15 पैसे ही नीचे पहुंचते हैं, उसी को रोकने के लिए हमने आॅनलाइन सिस्टम से इस पर अंकुश लगाया है और काफी हद तक हम सफल भी हुए हैं। पिछली सरकारों में अलग-अलग इलाकों को महत्व दिया जाता था, लेकिन हमने किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया है। सभी 90 विधानसभाओं का एक समान विकास सुनिश्चित किया है।
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