देश में पिछले दशक भर में राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क बहुत तेजी से विकसित किया गया है। राजमार्गों के निर्माण व रखरखाव में निजी क्षेत्र को सौ फीसदी तक अनुबंध दिए गए। निजी क्षेत्र सड़कों-पुलों के निर्माण व रखरखाव की जिम्मेवारी के साथ तेजी से काम कर रहा है। केंद्र सरकार निजी क्षेत्रों की लागत व उन्हें लाभ देने के लिए टोल वसूलने का प्रावधान लेकर आई जोकि देश के लगभग हर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हैं। परंतु कोरोना एवं किसान आंदोलन के बाद एकदम से टोल मार्ग भी बद इंतजामी को शिकार हो गए हैं। टोल वसूलने के बाद भी सड़कों में गड्ढे व घटिया निर्माण की शिकायतें सरकार को मिल रही हैं। इन गड्ढों के चलते कई नामचीन हस्तियां भी सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो गई हैं।
हाल ही में ऋषभ पंत जो भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर व आक्रमक बल्लेबाज हैं, राष्ट्रीय मार्ग पर गड्ढा होने के चलते दुर्घटना के शिकार हो गए। इससे पहले साइरस मिस्त्री की राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। सायरस देश के नामी उद्योगपति थे। ऋषभ की कार यहां दुर्घटनाग्रस्त हुई वहां अभी तक 7-8 दुर्घटनाएं गड्ढों की वजह से हो चुकी हैं। साइरस की दुर्घटना में भी मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर स्पीड लिमिट का साईन बोर्ड नहीं होना दुर्घटना का कारण बना या साइरस के साथ सवार व्यक्ति भी उस दुर्घटना में मारा गया था। देश में वर्ष 2022 में 156622 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं, हजारों जीवन भर के लिए विकलांग हो गए हैं।
इन दुर्घटनाओं में शराब, मोबाइल, सड़क की खामियां मुख्य कारण होते हैं। अफसोस तब होता है जब देशवासी कर व प्रत्यक्ष तौर पर टोल देकर सड़क की सुविधा ले रहे हैं इस पर भी उन्हें सड़क निर्माण में रही कमियों या रखरखाव की कमी के चलते गंभीर दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ता है। देश में नशा व ओवर स्पीडिंग भी गंभीर समस्या है इस पर भी वाहन निर्माता कंपनियां, यातायात पुलिस, ड्राईविंग लाइसेंस जारी करने वाले अधिकारियों को विशेष तौर पर ध्यान देना होगा। अयोग्य ड्राईवरों के ड्राईविंग लाइसेंस जारी नहीं किया जाएं, जो नियमों के विरुद्ध जाकर वाहन चलाते हैं उन पर ट्रैफिक पुलिस शीर्घ कार्रवाई करे ताकि दुर्घटना करने वाले व दुर्घटना का शिकार होने वाले अन्य लोगों की जान बचाई जा सके।
ऋषभ पंत भाग्यशाली रहे कि उन्हें मामूली चोटें लगीं व उनकी कार ही टूटी-फूटी अन्यथा जिस तरह की दुर्घटना घटी है वह बहुत ही खतरनाक थी। नए साल में सरकार आमजन व पुलिस प्रशासन सब संकल्प लें कि वह भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाएंगे, राष्टÑीय राजमार्गों सहित राज्य मार्गों व छोटी सड़कों को सुरक्षित बनाया जाएगा ताकि देश के नागरिकों के अमूल्य जीवन व स्वास्थ्य की रक्ष की जा सके।
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