मुंबई (सच कहूँ न्यूज)। एलएस रहेजा कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स (एलएसआरसी) के मल्टीमीडिया और मास कम्युनिकेशन (बीएएमसी) विभाग के कला स्नातक के छात्रों ने 26 दिसंबर, 2022 को प्रेरणा एंटी-ट्रैफिकिंग सेंटर, ग्रांट रोड का दौरा किया। छात्रों ने इस संस्थागत सामाजिक उत्तरदायित्व (आईएसआर) कार्यक्रम का आयोजन विभाग के अकादमिक मास मीडिया फेस्टिवल “रीटेक” के बैनर तले किया।
कार्यक्रम प्रतिनिधि आकाश ने सच कहूं को बताया कि “26 दिसंबर 2022 की सुबह, टीम रीटेक (Retake fest- रीटेक उत्सव की आयोजन टीम) – समाज के वंचित लोगों के लिए क्रिसमस की खुशियाँ लाने के लिए एक साथ आई।“ टीम रिटेक के सदस्यों ने एंटी-ट्रैफिकिंग सेंटर में दी जा सकने वाली विभिन्न वस्तुओं को इकट्ठा करने के लिए एलएस रहेजा कॉलेज परिसर में एक दान अभियान का आयोजन किया। टीम ने खाद्यान्न, बिस्कुट, किताबें और स्टेशनरी, सैनिटरी नैपकिन और स्वच्छता संबंधी आवश्यक वस्तुओं जैसे विभिन्न सामानों को इकट्ठा किया, जिन्हें आगे इस केंद्र के निवासियों के बीच वितरित किया गया। क्रिसमस की टोपियें बाँटने के बाद टीम मेंबर्स द्वारा लाइव संगीतमय कार्यक्रम सेंटर में आयोजित किया गया। यह वाक्य ही यहाँ रहने वाले बच्चों के चेहरों पर खुशी वाला साबित हुआ।
आकाश ने आगे बताया कि अकादमिक रीटेक उत्सव से पहले यह ISR गतिविधि, LSRC के BAMMC विभाग के घोषणापत्र का एक हिस्सा है। इस ISR गतिविधि का आयोजन का उदेश्य रीटेक आयोजन टीम को समाज के प्रति अपने कर्तव्य के लिए संवेदनशील बनाना है।
आकाश ने बताया इस आईएसआर गतिविधि के तहत हमने समाज के लिए नासूर बन चुके मुद्दों के बारे में जन-जागरूकता अभियान चलाया। इसका लक्ष्य सदस्यों को जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना है।
कोविड के दौरान मुंबई की सड़कों पर खाने के पैकेट बांटने से लेकर अनाथालयों और वृद्धाश्रमों में जाने तक, टीम अपनि तरफ से सामाजिक सहयोग पहल पर कायम है।
बता दें, प्रेरणा एंटी-ट्रैफिकिंग सेंटर मुंबई स्थित एक एनजीओ है जो पीढ़ियों से चली आ रही वेश्यावृत्ति को समाप्त करने के लिए समाज को समर्पित है। इस केंद्र में 3 से 12 वर्ष के बीच 30 से अधिक बच्चे रहते हैं। एनजीओ का उद्देश्य इन बच्चों को मानव तस्करी के घिनौने व्यापार से रक्षा प्रदान करते हुए विभिन्न कौशल प्रदान कर आत्मनिर्भर बनान है। यहां बच्चों को नैतिक मूल्यों पर डटे रहना की शिक्षा प्रदान करने के साथ ही अपने अधिकारों और सम्मान पर हो रहे हमलों का प्रतिकार करना सिखाया जाता है। एक सुरक्षित वातावरण के साथ-साथ एनजीओ यहाँ निवास करते बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य में योगदान भी दे रहा है।
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