चंडीगढ़(अश्वनी चावला)। पंजाब की सत्ता में सिर्फ तीन महीने के लिए ही मुख्यमंत्री बने चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब सरकार की रसोई के लिए ही भारी पड़ गए। पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी के नाश्ते में परोंठे से लेकर रात के लज़ीज खाने तक के लिए पंजाब सरकार की ओर से सरकारी खजाने में से भुगतान किया गया। पूर्व सीएम चन्नी अपने तीन महीने के कार्यकाल के दौरान लगभग 60 लाख रुपये की रोटी पानी ही खा गए। जानकारी के अनुसार पंजाब में कांग्रेस सरकार के अंतिम तीन महीने के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी चरणजीत सिंह चन्नी को सौंपी गई थी। उन्होंने इस पद को संभालते ही ऐलान किया था कि वे अब केवल पंजाब की ही सेवा करेंगे और कोई भी फालतू खर्च नहीं करेंगे। लेकिन सीएम बनने के कुछ दिनों के बाद ही चरणजीत सिंह चन्नी अपने घर की रोटी खाने की बजाय सरकारी लज़ीज खाने का लुत्फ उठाने लगे। पंजाब सरकार मेहमाननवाजी (आतिथ्य) विभाग द्वारा चन्नी के लिए सुबह के ब्रेकफास्ट से लेकर रात के खाने का प्रबंध किया जाता था।
उक्त विभाग द्वारा सवेरे के नाश्ते से लेकर दोपहर और रात का खाना शामिल है। हैरानी वाली बात है कि चन्नी के खाने की थाली पंजाब सरकार को 300 रुपये से लेकर 3900 रुपये तक पड़ी। चन्नी के घर कभी 300 रुपये तो कभी 500 रुपये की खाने की थाली आती थी। हद तो तब हो गई कि कभी-कभार ताज होटल से 3900 रुपये तक की भी थाली मंगवाते रहे। वहीं चन्नी को मिलने के लिए आने वाले मेहमानों व आमजन के लिए सिर्फ 70 रुपये की थाली आती रही। उक्त विभाग द्वारा यह पूरा प्रबंध करने के बाद इन लाखों रुपये के बिलों की अदायगी मुख्यमंत्री कार्यालय के तहत सरकारी खजाने से होती रही है। आपकी हैरानी और ज्यादा तब बढ़ जाएगी जब पता चलेगा कि सिर्फ तीन महीने में ही चन्नी के खाने पर 60 लाख रुपये सरकारी खजाने से खर्च कर दिए गए।
आचार संहिता की भी उड़ाई धज्जियां
चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री रहते हुए आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते हुए सरकारी खर्च पर अपने मित्रों के साथ जमकर पार्टियां की। चन्नी ने आठ जनवरी 2022 को अपने कुछ मित्रों के साथ एक पार्टी की थी, जिसमें खाने का प्रबंध ताज होटल द्वारा किया गया व कैट्रिंग के लिए प्राइवेट कंपनी को काम सौंपा गया। जिस पर आठ लाख 11 हजार 718 रुपये खर्च आया और उसी दिन दोपहर को पंजाब में आचार संहिता लागू हो गई थी।
मुझे नहीं कोई जानकारी, मेरा रसोइयां बनाता था रोटी
पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि 60 लाख रुपये के खर्च संबंधी उन्हें कोई जानकारी नहीं है और मैंने अपने रोटी-पानी के लिए सरकारी खजाने से कुछ नहीं खर्च किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए उनके पास एक रसोइया था, जो उनके लिए रोटी बनाता था। इसके अलावा उनके पास कोई जानकारी नहीं है।
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